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Farmer Protest: वे 5 किसान नेता, जिन्होंने आंदोलन को बना दिया देश का सबसे बड़ा मुद्दा

 आखिर वो लोग कौन हैं, जिनकी अपील पर किसान अपनी खेती-बाड़ी छोड़कर दिल्ली के बॉर्डर पर डटे हुए हैं.

जोगिंदर सिंह उगराहां

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जोगिंदर सिंह उगराहां

किसान आंदोलन का सबसे ज्यादा असर पंजाब में देखा जा रहा है. पंजाब के करीब 30 छोटे-बड़े किसान संगठन इस आंदोलन से जुड़े हुए हैं, लेकिन इनमें सबसे बड़ा नाम भारतीय किसान यूनियन उगराहां का है.  इस संगठन को लीड कर रहे हैं, पूर्व फौजी जोगिंदर सिंह उगराहां. वे इस संगठन के संस्थापक और अध्यक्ष हैं. जोगिंदर पंजाब के संगरूर जिले से संबंध रखते हैं. किसानों की राजनीति से पहले वह भारतीय सेना को भी अपनी सेवाएं दे चुके हैं. साल 1975 में वे भारतीय सेना में भर्ती हुए थे. हालांकि, दो साल के बाद ही निजी कारणों से उन्होंने सेना का साथ छोड़ दिया. फिलहाल, वो खेती करते हैं. बताया जाता है कि उनके संगठन की मालवा क्षेत्र में अच्छी पकड़ है.

बलवीर सिंह राजेवाला

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बलवीर सिंह राजेवाला

भारतीय किसान यूनियन के संस्थापक सदस्यों में से एक हैं. बलबीर सिंह राजेवाल के संगठन का प्रभाव मध्य पंजाब में है. बताया जाता है कि किसानों को दिल्ली कूच कराने में और उन्हें एकजुट करने में उन्होंने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है. वो आंदोलन को लीड कर रहे संयुक्त किसान मोर्चा की सात सदस्यीय कोर कमेटी के भी सदस्य हैं. जानकारी के मुताबिक, किसान प्रदर्शन के मांग पत्र का मसौदा बनाने में भी इनका अहम योगदान है.

 

गुरनाम सिंह चढूनी

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गुरनाम सिंह चढूनी

पंजाब के अलावा हरियाणा के किसान भी इस आंदोलन में काफी सक्रिय हैं. गुरनाम सिंह चढूनी भारतीय किसान यूनियन हरियाणा के अध्यक्ष हैं. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, गुरनाम हरियाण किसानों के प्रदर्शन को लीड कर रहे हैं. किसानों को दिल्ली बॉर्डर तक लाने में इनकी भूमिका अहम मानी जा रही है. किसान राजनीति के अलावा गुरनाम सिंह विधानसभा चुनाव भी लड़ चुके हैं. साल 2019 कुरुक्षेत्र जिले की लाडवा विधानसभा सीट से किस्मत आजमाई थी. हालांकि, सफलता हाथ नहीं लगी.

डॉक्टर दर्शनपाल

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डॉक्टर दर्शनपाल

किसान आंदोलन में कई संगठन एक साथ काम कर रहे हैं. इनमें करीब 30 संगठनों के समन्वयक का काम डॉक्टर दर्शनपाल कर रहे हैं. फिलहाल, वे क्रांतिकारी किसान यूनियन के प्रेसिडेंट हैं. किसान राजनीति से पहले वो सरकारी डॉक्टर रह चुके हैं. साल 2002 में नौकरी छोड़ने के बाद वह किसान संगठन के साथ सक्रिय हो गए.

 

राकेश टिकैत

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राकेश टिकैत

पंजाब और हरियाणा के अलावा पश्चिम उत्तर प्रदेश के किसान भी आंदोलन में सक्रिय रूप से भाग ले रहे हैं. राकेश टिकैत के पास इस वक्त भारतीय किसान यूनियन की कमान है. राकेश टिकैत, दिग्गज किसान नेता रहे महेंद्र सिंह टिकैत के बेटे हैं. उनका जन्म उत्तर प्रदेश के मुजफ्फरनगर में हुआ. मेरठ यूनिवर्सिटी से पढ़ाई करने वाले राकेश दिल्ली पुलिस में कांस्टेबल भी रह चुके हैं. इन्हें भी आंदोलन का प्रमुख चेहरा बताया जा रहा है.