अयोध्या में दीपोत्सव की शुरुआत 12 नवंबर से हो जाएगी, 13 नवंबर को मुख्य कार्यक्रम है, जिसमें मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और राज्यपाल आनंदीबेन पटेल शामिल होंगी.
श्री राम के राज्याभिषेक के लिए अयोध्या नगरी को दुल्हन की तरह सजाया जा रहा है. राम नगरी के मठ और मंदिर, सड़कें रंग-बिरंगी लाइट्स से रौशन हैं.
अयोध्या में दीपोत्सव की शुरुआत 12 नवंबर से हो जाएगी, 13 नवंबर को मुख्य कार्यक्रम है, जिसमें मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और राज्यपाल आनंदीबेन पटेल शामिल होंगी.
यही नहीं योगी आदित्यनाथ सरकार के दोनों डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य और दिनेश शर्मा भी अयोध्या के दीपोत्सव कार्यक्रम में शामिल होंगे.
बीते 3 वर्षों की अपेक्षा इस बार दीपोत्सव खास होगा, क्योंकि भगवान श्री राम का मंदिर भी बनना शुरू हो गया है. अयोध्या नगर निगम इस बार सरयू तट के किनारे स्थित घाटों सहित मठ और मंदिरों को भी सजा रहा है.
राम कथा पार्क से लेकर राम की पैड़ी को दुल्हन की तरह सजाया गया है. 11 नवंबर को राम की पैड़ी में दीपोत्सव कार्यक्रम का रिहर्सल किया जाएगा.
राम की पैड़ी पर जगह-जगह आकृति लिए गेट बना हुआ है. घाटों और मंदिरों में जहां दीप जलाए जाएंगे, प्रोजेक्टर लाइट के माध्यम से उनकी मैपिंग की गई है.
इस बार अयोध्या दीपोत्सव में विश्व कीर्तिमान बनने जा रहा है. राम की पैड़ी सहित सरयू तट के किनारे स्थित 24 घोटों पर 5,51,000 दीये जलाकर गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में नाम दर्ज कराया जाएगा.
इस बार दीपोत्सव में 11 झांकियां निकाली जाएंगी. इन झांकियों में भगवान राम के जन्म से लेकर लंका दहन तक के प्रसंग होंगे.
सरयू घाट के पुल को भी सजाया गया है. घाटों पर 12 द्वार बनाए गए हैं, जिन पर लाइटिंग की गई है. इस बार सरयू के किनारे एक पक्के घाट का निर्माण किया गया है, जो ''आरती स्थल'' के नाम से जाना जाएगा.
उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार ने गुंडा, माफिया और भू-माफिया के खिलाफ जो कार्रवाई की है, उसकी भी एक झांकी निकाली जाएगी.