प्राचीन काल से ही यह परंपरा रही है कि घर की प्रमुख महिलाएं छठ का त्यौहार मनाती हैं और भगवान भास्कर की उपासना करती हैं. लेकिन, अब बड़ी संख्या में पुरुष भी छठ का व्रत रखने लगे हैं.
पुरुष भी महिलाओं की तरह ही सारे विधि-विधान करते हैं और छठ का त्यौहार मना कर भगवान भास्कर की पूजा आराधना करते हैं. ऐसे में यह जानना काफी जरूरी है कि किन बातों का ध्यान रखकर पुरुषों को छठ का व्रत मानना चाहिए.
बिहार के साथ उत्तर प्रदेश, झारखंड सहित कई राज्यों में छठ का त्यौहार बड़े धूमधाम से मनाया जाता है. बड़ी संख्या में लोग 36 घंटे का निर्जला उपवास रखते हैं और तमाम विधि-विधान से छठ के दौरान भगवान भास्कर की पूजा आराधना करते हैं.
ज्योतिषाचार्य मनोहर आचार्य ने बताया कि पुरुषों को कई प्रकार के दोष लगते है, जैसे हृदय दोष, नेत्र दोष, आदि. उन्हें छठ का व्रत रखने से पहले इन दोषों का निवारण करना चाहिए.
इसके लिए सबसे सरल और आसान उपाय है कि पुरुषों को छठ पर्व से पहले क्षौर कर्म करना चाहिए, अर्थात् अपनी दाढ़ी और बालों को मुंडवा लेना चाहिए. इस प्रक्रिया से उनके ऊपर लगे सभी दोष समाप्त हो जाते हैं.
ज्योतिषाचार्य ने बताया कि नहाने-खाने की सुबह क्षौर कर्म करने के बाद वे नहाना-खाना करें, और इसके बाद छठ पर्व की सभी विधियों को पूरा करें.
छठ पर्व के दौरान व्रत रखने वाले पुरुषों को चाहिए कि वे दीपावली के बाद से ही लहसुन और प्याज का इस्तेमाल करना छोड़ दें. इसके अलावा, किसी भी प्रकार का मांसाहारी भोजन और कुछ ऐसी सब्जियों का इस्तेमाल नहीं करना चाहिए, जिन्हें तामसी गुणा से युक्त माना जाता है.
इससे उनकी शुद्धता का पालन होता है और छठ पर्व को शुभ बनाए रखने में मदद मिलती है.