अवनीश श्रीवास्तव/बाराबंकी: प्रदेश के कुम्हारों के लिए योगी सरकार ने 'माटी कला बोर्ड' का गठन किया है. इसके तहत राज्य में मिट्टी के दीये और कुल्हड़ जैसे लघु उद्योग का काम करने वाले कुम्हारों को योजना से जोड़ा गया है. ऐसा कर के मिट्टी के बर्तनों को बढ़ावा दिया जा रहा है. वहीं, प्रधानमंत्री के वोकल फॉर लोकल अभियान के तहत बाराबंकी को अंतरराष्ट्रीय बाजारों में ब्रांडिंग के लिए चुना गया है. देखें कुम्हारों की मेहनत की कुछ तस्वीरें...
कोरोना संक्रमण के बीच भी प्रदेश सरकार लगातार कामगारों-मजदूरों को रोजगार के अवसर दे रही है.
इसी तर्ज पर सरकार ने प्रदेश के कुम्हारों के लिए 'माटी कला' की अलग से योजना बना कर उनको मिट्टी के बर्तन, दीये और कुल्हड़ बनाने की ट्रेनिंग देने का निर्णय लिया है.
चाइनीज मूर्ति उत्पादकों से टक्कर लेने के लिए सरकार ने कुम्हारों को पग मिल, इलेक्ट्रिक चाक, दीपक बनाने वाली मशीन और मॉडर्न डिजाइन की डाई मुफ्त में उपलब्ध कराने के भी निर्देश दिए हैं. इसकी प्रक्रिया शुरू हो चुकी है.
वहीं, प्रधानमंत्री के वोकल फॉर लोकल के तहत बाराबंकी में कॉमन फैसिलिटी सेंटर बनाया जाएगा. इसके लिए स्थानीय स्तर पर जमीन की तलाश शुरू कर दी गई है.
इस संबंध में बाराबंकी जनपद के कुम्हारों का कहना है कि उन लोगों का काम पूरी तरह बंद होने की कगार पर था, लेकिन सरकार द्वारा माटी कला बोर्ड का गठन किए जाने से उन्हें फिर से आस जग गई है.
कुम्हारों का कहना है कि उनको नए-नए प्रकार की मिट्टी के उपकरण बनाने की ट्रेनिंग देकर सरकार सभी का जीवन संवारने का काम कर रही है.
बाराबंकी के क्षेत्रीय ग्रामोद्योग अधिकारी विनोद कुमार श्रीवास्तव ने बताया कि उत्तरप्रदेश सरकार ने कुम्हारों के उत्थान के लिए 'माटीकला बोर्ड' का गठन किया है.
इसके तहत क्षेत्र में कुम्हारों का चयन कर उन्हें ट्रेनिंग दी जाएगी. साथ ही, मिट्टी के आधुनिक और नए किस्म के बर्तनों को बनाने वाले उपकरण भी कुम्हारों को दिए जाएंगे. इससे उनके उत्थान के साथ क्षेत्र के बेरोजगार लोगों को रोजगार से जोड़ा जाएगा.