पीएम आवास ग्रामीण योजना के लिए आवेदन करने वालों की सत्यता जांचने के लिए सर्वे शुरू होगा, जिसमें अपात्र आवेदनों को तुरंत खारिज किया जाएगा.
इस फैसले का मुख्य कारण जानकारी का अभाव है. कई लोग पात्रता को जाने बिना आवेदन कर देते हैं, जिससे उनके आवेदन खारिज हो जाते हैं.
पीएम आवास ग्रामीण योजना के तहत पात्र लाभार्थियों को 2.5 लाख रुपये तक की सरकारी आर्थिक सहायता मिलती है।
पीएम आवास ग्रामीण योजना के अधिकारियों ने निर्णय लिया है कि ग्राम पंचायतों में पात्रता व अपात्रता की जानकारी के लिए सार्वजनिक स्थानों पर वाल राइटिंग कराई जाएगी, ताकि लोगों तक सही जानकारी पहुंच सके.
पीएम आवास ग्रामीण योजना के लिए उन्हीं का आवेदन स्वीकार होगा जो सभी पात्रता शर्तों का पालन करते हैं. अन्य आवेदनों को अपात्र की श्रेणी में रखा जाएगा, और उनके फार्म निरस्त कर दिये जाएंगे.
पीएम आवास ग्रामीण योजना गरीब और आर्थिक रुप से कमजोर लोगों के लिए है इसलिए जिनके पास मोटर या यंत्र संचालित थ्री व्हीलर, फोर व्हीलर, या ₹50,000 से अधिक का किसान क्रेडिट कार्ड है, योजना के लिए अपात्र माने जाएंगे.
जैसा कि ऊपर बताया जा चुका है कि पीएम आवास ग्रामीण योजना गरीब और आर्थिक रुप से कमजोर लोगों के लिए है, इसलिए सरकारी कर्मचारी, ₹15,000 से अधिक मासिक आय वाले, आयकर और व्यावसायिक कर का भुगतान करने वाले परिवार भी अपात्र होंगे.
जिन लोगों के पास ज्यादा जमीन होती है साधारणत: वे सम्पन्न ही होते हैं इसलिए 2.5 एकड़ से अधिक सिंचित भूमि या 5 एकड़ या उससे अधिक असिंचित भूमि के स्वामी भी योजना के लिए अपात्र होंगे.
पीएम आवास ग्रामीण योजना के लिए वे ही लोग पात्र माने जाते हैं. जो जो आवासहीन, असहाय, भिखारी, मैला धोने वाले परिवार, आदिम जनजाति समूह, या वैधानिक रूप से मुक्त बंधुआ मजदूर हों.
मुख्य विकास अधिकारी अरविंद कुमार मिश्र ने बताया कि जानकारी का प्रसार करने से लोग सही आवेदन कर सकेंगे, जिससे उनके आवेदन खारिज नहीं होंगे.