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डिजिटल हाजिरी पर रार, दिनभर सोशल मीडिया पर करता रहा ट्रेंड

डिजिटल उपस्थिति के आदेश को लेकर शिक्षकों ने विरोध जताया है. शिक्षकों ने एक्स पर बॉयकॉट ऑनलाइन उपस्थिति ट्रेंड कराया है. शिक्षक संघ ने भी इस आदेश के विरोध किया है. शिक्षकों का कहना है कि बारिश का मौसम है और गांव के कई स्कूलों में जाने के लिए रास्ते तक नहीं है. इसलिए वहां जाने के लिए कोई साधन नहीं जाता.  

डिजिटल अटेंडेंस से हो रहा बवाल

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डिजिटल अटेंडेंस से हो रहा बवाल

यूपी के प्राथमिक शिक्षकों की आठ जुलाई से ऑनलाइन अटेंडेंस लगाने का फैसला लिया गया है. जिसके बाद सोमवार से डिजिटल अटेंडेंस लगाने की व्यवस्था को लेकर खूब विरोध किया जा रहा है.

काली पट्टी बांधकर किया विरोध

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काली पट्टी बांधकर किया विरोध

रविवार को विभिन्न शिक्षक संगठनों ने बैठक कर इस पर नाराजगी जताई, साथ ही सोमवार से काली पट्टी बांधकर काम करेगे इस पर 15 जुलाई को जिला मुख्यालय पर प्रदर्शन करने का निर्णय लिया है. 

कितने स्कूल है यूपी है

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कितने स्कूल है यूपी है

यूपी में कुल 1 लाख 13 हजार 249 प्राइमरी स्कूल हैं. इनमें प्रिंसिपल और सहायक अध्यापकों के कुल 4 लाख 17 हजार 886 स्वीकृत पद हैं. इसमें 3.32 लाख शिक्षक और 1.47 लाख शिक्षामित्र अभी कार्यरत हैं. 

 

बॉयकॉट ऑनलाइन हाजिरी

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बॉयकॉट ऑनलाइन हाजिरी

 शिक्षकों ने #Boycottऑनलाइनहाजिरी के माध्यम से अपना विरोध जताया. शिक्षकों का कहना है कि हम ऑनलाइन उपस्थिति का विरोध नहीं कर रहे है बल्कि हम डिजिटल अटेंडेंस से पहले अपनी मांगों का समाधान चाहते है. 

बहिष्कार की कर रहे मांग

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बहिष्कार की कर रहे मांग

राष्ट्रीय शैक्षिक महासंघ ने इस निर्णय के पूर्ण बहिष्कार की घोषणा की है. इस मामले में सोमवार को डीएम के माध्यम से सीएम को ज्ञापन देने का निर्णय लिया है. 

 

मेडिकल इंश्योरेंस की कोई सुविधा नहीं

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मेडिकल इंश्योरेंस की कोई सुविधा नहीं

प्राइमरी टीचरों के मेडिकल इंश्योरेंस की भी कोई सुविधा नहीं है, जबकि राज्य कर्मचारियों को ये सारी सुविधाएं दी जाती हैं. ऐसे में सरकार और बेसिक शिक्षा परिषद मानवीय दृष्टि से इस बारे में सोचें. 

 

अर्न लीव का भी नहीं है ऑप्शन

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अर्न लीव का भी नहीं है ऑप्शन

टीचर लेट हो जाता  है तो उसके पास आधे दिन की कैजुअल लीव लगाने या अर्न लीव जैसा विकल्प होना चाहिए.