बिना मंत्र जप के रुद्राक्ष धारण करना पाप कहा गया है. कहा जाता है, कि बिना रुद्राक्ष धारण किए जो भी जप तप किया जाता है, वह व्यर्थ हो जाता है. रुद्राक्ष पहनने से मनुष्य देव स्वरूप हो जाता है.
Rudraksh वृक्ष की उत्पत्ति: रुद्राक्ष की उत्पत्ति पुराणों को ग्रंथो में कहा गया है, कि त्रिपुर नामक दैत्य था. उसने समस्त देवलोक में आतंक मचा रखा था. एक दिन समस्त देवताओ ने भगवान रुद्र अर्थात शंकर के पास जाकर त्रिपुर के आतंक से देवलोक की रक्षा करने की प्रार्थना की थी. तब भगवान शंकर ने देवताओं की रक्षा के लिए दिव्य और ज्वलंत महाघोर रूपी अघोर अस्त्र का चिंतन किया. इस चिंतन के समय भगवान रुद्र के नेत्रों से आंसुओं की बूंदें पृथ्वी पर गिरीं, जिससे रुद्राक्ष वृक्ष की उत्पत्ति हुई.
एक मुखी रुद्राक्ष साक्षात शिव है. वह ब्रह्महत्या को दूर करता है तथा अग्नि स्तंभन और अमरता प्राप्त होती है. इसके देवता भगवान शंकर, ग्रह- सूर्य और राशि सिंह है. इन्हें ॐ ह्रीं नम: मंत्र का जप करना चाहिए.
मुखी रुद्राक्ष को हरगौरी कहा गया है. इसे आत्मविश्वास और मन की शांति के लिए धारण किया जाता है. इसके देवता भगवान अर्धनारिश्वर, ग्रह- चंद्रमा और राशि कर्क है. इन्हें ॐ नम: मंत्र का जप करना चाहिए.
तीन मुखी रुद्राक्ष को मन की शुद्धि और स्वस्थ जीवन के लिए पहना जाता है. इसके देवता अग्नि देव, ग्रह- मंगल और राशि मेष और वृश्चिक है. इन्हें ॐ क्लीं नम: मंत्र का जप करना चाहिए.
चार मुखी रुद्राक्ष ब्रह्मा जी के समान कहां गया है. वह नर हत्या को दूर करता है. चार मुखी रुद्राक्ष से मानसिक क्षमता, एकाग्रता और रचनात्मकता के लिए धारण किया जाता है. इसके देवता ब्रह्म देव, ग्रह- बुध एवं राशि मिथुन और कन्या है. इन्हें ॐ ह्रीं नम: मंत्र का जप करना चाहिए.
पंचमुखी रुद्राक्ष सबसे ज्यादा पेड़ पर लगते हैं और उनकी सुंदरता और असली होना ज्यादा प्रमाणित है. पंचमुखी रुद्राक्ष कालाग्नि नाम के कहे गए हैं. इन्हें धारण करने से अगम्यागमन अभक्ष्य भक्षण जैसे पापों से व्यक्ति मुक्त हो सकता है. इसके देवता भगवान कालाग्नि रुद्र, ग्रह- बृहस्पति और राशि धनु व मीन है. इन्हें ॐ ह्रीं नम: मंत्र का जप करना चाहिए.
छह मुखी रुद्राक्ष को ज्ञान, बुद्धि, संचार कौशल और आत्मविश्वास के लिए पहना जाता है. इसके देवता भगवान कार्तिकेय, ग्रह- शुक्र और राशि तुला और वृषभ है. इन्हें ॐ ह्रीं हूं नम: मंत्र का जप करना चाहिए.
सात मुखी रुद्राक्ष को आर्थिक और करियर में विकास के लिए धारण किया जाता है. इसकी देवी माता महालक्ष्मी, ग्रह- शनि और राशि मकर और कुंभ है. इन्हें ॐ हूं नम: मंत्र का जप करना चाहिए.
आठ मुखी रुद्राक्ष को करियर में आ रही बाधाओं और मुसीबतों को दूर करने के लिए धारण किया जाता है. इसके देवता भगवान गणेश, ग्रह- राहु है. इन्हें ॐ हूं नम: मंत्र का जप करना चाहिए.
9 मुखी रुद्राक्ष साक्षात भैरव है. वह शिव के साथ व्यक्ति को सायुज्यता प्रदान करता है. इन्हें ॐ ह्रीं हूं नम: मंत्र का जप करना चाहिए.
दस मुखी रुद्राक्ष विष्णु स्वरुप है. यह भूत प्रेत पिशाच को दूर हटाता है. नजर दोष और वास्तु और कानूनी मामलों से रक्षा के लिए धारण किया जाता है. इसके देवता भगवान विष्णु जी हैं. इन्हें ॐ ह्रीं नम: मंत्र का जप करना चाहिए.