Advertisement
trendingPhotos/india/up-uttarakhand/uputtarakhand1960474
photoDetails0hindi

सुब्रत रॉय ने चिटफंड कंपनी से खड़ा किया अरबों का कारोबार, ताश के पत्तों की तरह ढहा बिजनेस

सेबी ने सहारा पर बिना आईपीओ बाजार से पैसा उठाने का संगीन आरोप लगाया था.

सुब्रत रॉय ने चिटफंड कंपनी से खड़ा किया अरबों का कारोबार, ताश के पत्तों की तरह ढहा बिजनेस

1/7
सुब्रत रॉय ने चिटफंड कंपनी से खड़ा किया अरबों का कारोबार, ताश के पत्तों की तरह ढहा बिजनेस

सहारा ग्रुप

2/7
सहारा ग्रुप

सहारा ग्रुप के फाउंडर सब्रुत रॉय का जन्म 10 जून 1948 को बिहार के एक बंगाली परिवार में हुआ था. यूं तो सब्रुत रॉय एक सक्षम जमींदार परिवार से थे मगर बचपन से ही वे कुछ अलग एक बड़ा कारोबार करना चाहते थे.

1978

3/7
1978

भारत में आपातकाल समाप्त होने के बाद सुब्रत रॉय ने 1978 में सहारा इंडिया परिवार के नाम से एक कंपनी शुरू की. शुरूआती दिनों में यह कंपनी बहुत ही छोटे पैमाने पर काम करती रही उस समय सहारा केवल फाइनेंस सेक्टर में काम करती थी.

मीडिया, एविएशन, रियल एस्टेट और हॉस्पिटैलिटी

4/7
मीडिया, एविएशन, रियल एस्टेट और हॉस्पिटैलिटी

सुब्रत रॉय की ओर वक्त ने कुछ इस तरह करवट ली कि सहारा केवल फाइनेंस तक ही नहीं बल्कि मीडिया, एविएशन, रियल एस्टेट और हॉस्पिटैलिटी तक पैर पसारने लगीं. जिस कारण धीरे धीरे सुब्रत रॉय का कद बढ़ने लगा. एक समय पूरे देश में सबसे ज्यादा नौकरियां देने वाली कंपनियों में सहारा का नाम शामिल हो गया था.

5/7

1990 में सहारा को नई ऊंचाइयों तक पहुंचाने के लिए सुब्रत रॉय को एक बेस की जरूरत थी जिसे उन्होंने लखनऊ में चुना. लखनऊ में ही सुब्रत रॉय ने सहारा को आसमानों की बुलंदियों तक पहुंचाया. सुब्रत रॉय के लिए लखनऊ केवल कारोबार का एक जरिया ही नहीं बल्कि राजनीति और फिल्म इंडस्ट्री में पैर पसारने का एक मार्ग था. लखनऊ में उनकी पार्टियों में आए दिन फिल्म इंडस्ट्री के नामी कलाकार और बड़े-बड़े राजनेताओं का जमावड़ा लगा रहता था.

समाजवादी पार्टी और बॉलीवुड

6/7
समाजवादी पार्टी और बॉलीवुड

90 के दशक में सुब्रत रॉय की पहुंच इतनी थी कि समाजवादी पार्टी के संस्थापक मुलायम सिंह यादव, सपा नेता अमर सिंह और बॉलीवुड के बिग-बी कहे जाने वाले अमिताभ बच्चन उनके खास लोगों में से एक थे.

90 के दशक में शेयर मार्केट पर एक छत्र राज

7/7
90 के दशक में शेयर मार्केट पर एक छत्र राज

गुजरते वक्त के साथ-साथ 90 के दशक में शेयर मार्केट पर एक छत्र राज करने वाली कंपनी सहारा के बुरे दिन भी शुरू हुए थे. अपने 3 करोड़ निवेशकों से 24,000 करोड़ जुटाने वाली सहारा पर सेबी 2008 में 12,000 करोड़ का जुर्माना भी लगाया था.