उत्तर प्रदेश में इन दिनों एनकाउंटर का मामला गरम है. यूपी में सुल्तानपुर डकैती कांड में आरोपी मंगेश यादव के बाद उसके साथी अनुज सिंह भी एनकाउंटर में मारा गया.
सुल्तानपुर में ज्वेलर्स डकैती मामले में आरोपी मंगेश यादव यूपी एसटीएफ के साथ हुए एनकाउंटर में ढेर हो गया. उस पर 1 लाख का इनाम घोषित था. एनकाउंटर में ढेर हुआ मंगेश हेलमेट पहनकर तीसरे नंबर पर घुसा था और पिस्तौल तानकर धमका रहा था. मंगलेश की जाति को को लेकर भी सत्ता और विपक्षी दल के बीच गरमा गरमी देखने को मिली.
सुल्तानपुर में ज्वेलर्स डकैती मामले में ही एक लाख का इनामी एक अन्य आरोपी अनुज सिंह भी एनकाउंटर में मारा गया. डीजीपी के मुताबिक दुकान में सबसे पहले सफेद गमछा और सफेद शर्ट में अनुज प्रताप सिंह पहुंचा था.
90वे के दशक में कुख्यात माफिया श्रीप्रकाश शुक्ला के अपराधिक किस्सों से अखबार के पन्ने रंगे रहते थे. श्रीप्रकाश शुक्ला ने तत्कालीन मुख्यमंत्री कल्याण सिंह की सुपारी ले ली थी. जिसके बाद एसटीएफ (स्पेशल टास्क फोर्स) का गठन 26 साल पहले 4 मई 1998 को हुआ था. जिसके बाद एसटीएफ ने उसका एनकाउंटर कर दिया.
चंबल के नामी डकैतों में निर्भय गुर्जर का नाम भी शामिल था. उत्तर प्रदेश और मध्यप्रदेश सरकार ने उस पर ढाई-ढाई लाख का इनाम रखा था. उस पर अपहरण और हत्या के 200 से अधिक मामले पुलिस थानों में दर्ज थे. यूपी एसटीएफ ने 8 नवंबर 2005 को निर्भय गुर्जर का एनकाउंटर किया.
2007 में दस्यु सरगना ददुआ का यूपी के चित्रकूट जिले के मानिकपुर थाना क्षेत्र में हुआ एनकाउंटर भी शामिल है. पुलिस मुठभेड़ में ददुआ के अलावा उसके 5 साथी भी ढेर हुए थे.
घनश्याम केवट यूपी का कुख्यात डकैत था. पुलिस ने 2009 में एनकाउंटर में उसे मार गिराया. घनश्याम केवट शायद यूपी का ऐसा पहला एनकाउंटर था जिसका टीवी समाचार चैनलों पर लाइव टेलीकास्ट किया था. इस एनकाउंटर में चार पुलिकर्मी भी शहीद हुए थे. इसके अलावा सात पुलिसकर्मी बुरी तरह घायल हो गए.
यूपी के कुख्यात गैंगस्टर अनिल दुजाना को बीते साल मेरठ एसटीएफ ने एनकाउंडर में मार गिराया था. पिछले कुछ वर्षों में पश्चिमी यूपी से पूर्वांचल तक उसका गिरोह फैलाया था. वह यूपी का बड़ा डॉन बनना चाहता था.
यूपी के चर्चित एनकाउंटर की फेहरिस्त में विकास दुबे का नाम भी शामिल है. बिकरू हत्याकांड के मुख्य आरोपी गैंगस्टर विकास दुबे को चार साल पहले कानपुर एसटीएफ के साथ एनकाउंटर में मौत हो गई. 2 और 3 जुलाई की रात बिकरू गांव में विकास और उसके गैंग ने पुलिस पर हमला किया था. इसमें 8 पुलिसकर्मियों की मौत हुई थी.
उमेश पाल हत्याकांड के आरोपी माफिया अतीक अहमद के बेटे असद अहमद भी यूपी एसटीएफ की जवाबी कार्रवाई में ढेर हुआ था. 13 अप्रैल, 2023 को यह यूपी के झांसी में हुआ था. इस ऑपरेशन को यूपी एसटीएफ़ के डीएसपी नवेंदु सिंह और डीएसपी विमल ने अंजाम दिया था.
गुलाम मोहम्मद भी प्रयागराज में 24 फ़रवरी, 2023 में हुए उमेश पाल हत्याकांड में शामिल था. शूटर गुलाम मोहम्मद का एनकाउंटर 13 अप्रैल, 2023 को यूपी के झांसी में हुआ था.
मीडिया रिपोर्ट्स की मानें तो पिछले 22 वर्षों में उत्तर प्रदेश में 1007 अपराधियों के एनकाउंटर हुए. हर साल करीब 46 अपराधी इसमें ढेर हुए हैं. मुलायम सिंह और मायावती सरकार में योगी सरकार से भी ज्यादा एनकाउंटर हुए हैं.
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के 7 साल के कार्यकाल में 207 अपराधी मारे गए जबकि, 6700 से ज्यादा घायल हुए. इस दौरान 17 पुलिसकर्मी शहीद हुए. जबकि हर साल औसतन करीब 29 अपराधी एनकाउंटर में ढेर हुए.