चमोली से चंपावत तक टूटते पहाड़ों से हाईवे जाम, वाहनों में फंसे तीर्थयात्री, देखें उत्तराखंड में आफत की ये तस्वीरें
उत्तराखंड में लगातार भीषण बारिश से भूस्खलन की घुटनाएं बढ़ गई हैं. पिछले दो दिनों में कई जगहों पर लैंडस्लाइड होने से सड़कें बाधित हो गई हैं. सड़कों पर वाहनों की लंबी लाइनें लग गई हैं. जाम से निकलने में वाहनों को घंटों समय लग रहा है.
भूस्खलन की घटनाएं बढ़ीं
चंतावत में पिछले दिनों भूस्खलन से सड़कों को बंद कर दिया गया था. दो दिन बाद भी करीब 29 सड़कें पर आवागमन अभी तक शुरू नहीं हो सका है.
सबसे ज्यादा चंपावत को नुकसान
उत्तराखंड में बारिश से सबसे ज्यादा चंपावत में ही सड़कें क्षतिग्रस्त हो गई हैं. दो दिनों से मार्गों पर आवागमन बंद किया गया है.
ये सड़कें पूरी तरह बंद
टनकपुर-पिथौरागढ़ नेशनल हाईवे के साथ टकनागूंठ-डांडा मल्ला, खटोली मल्ली, अमोली'छतकोट, सिप्टी-अमकड़िया मार्ग शामिल हैं.
चंपावत में 50 हजार आबादी प्रभावित
बताया गया कि चंपावत में इन सड़कों को बंद होने से करीब 50 हजार से अधिक आबादी प्रभावित हो रही है.
अल्मोड़ा और पिथौरागढ़ में 12 सड़कें बंद
यही हाल अल्मोड़ा और पिथौरागढ़ में भी है. यहां भूस्खलन से 12 सड़कें पर पिछले दो दिनों से आवागमन रोक दिया गया है. सड़कों पर मलबे का ढेर लगा हुआ है.
सब्जियों के दामों में इजाफा
यहां सड़कें बंद होने से रोजमर्रा की चीजों के दाम बढ़ा दिए गए. सब्जियों के दाम भी बढ़ा दिए गए है. जल्द ही सड़कें शुरू नहीं हुईं दाम में और इजाफा देखने को मिलेगा.
चमोली में 14 सड़कें पर मलबे का ढेर
चमोली में भूस्खलन से करीब 34 सड़कों पर पूरी तरह से आवागमन रोक दिया गया है. इन सड़कों पर मलबे का ढेर लगा है.
सड़कों से हटाया जा रहा मलबा
इनमें से 14 सड़कों पर पिछले दिनों दिनों से वाहनों की लंबी लाइन लगी है. सड़कों से मलबे हटाने का काम किया जा रहा है. हजारों की आबादी प्रभावित हो गई है.
नैनीताल में 12 सड़कें बाधित
नैनीताल में पिछले दो दिनों से 12 सड़कें बंद हैं. उत्तरकाशी में भी यही हाल है. रुद्रप्रयाग में विजयनगर-तैला मोटर मार्ग बंद होने से 45 गांवों से संपर्क टूट गया है.
चारधाम यात्रा प्रभावित
कई जगहों पर लैंडस्लाइड होने से चार धाम यात्रा भी प्रभावित हो गई है. जगह-जगह पहाड़ दरकने से बड़े-बड़े बोल्डर और मलबा सड़कों पर गिर गया है. इससे यात्रियों को जहां तहां रोक दिया जा रहा है.