सरयू नदी के किनारे बसे अयोध्या की अपनी एक महिमा है. अयोध्या जिसे एक समय में साकेत भी कहा जाता था, का सिर्फ भगवान राम से ही नहीं बल्कि भगवान बुद्ध और महावीर से भी नाता है.
अयोध्या भगवान राम की जन्मभूमि होने के चलते यूपी का एक प्रमुख धार्मिक और पर्यटन स्थल है. इसका अपना एक धार्मिक और ऐतिहासिक महत्व है. अयोध्या में भगवान राम के मंदिर के अलावा बहुत सी ऐसी जगह हैं जो घूमी जा सकती हैं. रामनगरी अयोध्या में 5000 से भी ज्यादा मन्दिर भी हैं. आइए उन्हीं के बारे में आपको बताते हैं.
जहां राम हों वहां हनुमान न हों ऐसा हो नहीं सकता. हनुमान गढ़ी अयोध्या का एक प्रमुख धार्मिक स्थल है.यह मंदिर बजरंगबली को समर्पित है.चूंकि यह मन्दिर अयोध्या में है इसलिए यहां बड़ी संख्या में भक्त पहुंचते हैं. इस मन्दिर में हनुमान जी अपने भव्य रूप में विराजित हैं. इस मंदिर में चढ़ने वाला प्रसाद भी भक्तों के बीच बहुत लोकप्रिय है.
कनक भवन अयोध्या के सबसे प्रसिद्ध मंदिरों में से एक है. बड़ी संख्या में भक्त यहां भी पहुंचते हैं. मान्यता है कि यह मंदिर भगवान राम और मात सीता के प्रेम का प्रतीक है. किंवदंतियों के अनुसार यहीं माता कैकेयी ने सीता जी को मुंह दिखाई की रस्म में उपहार दिया था. यहां राम सीता रहा करते थे. इस भवन की अपनी एक विशेष सुंदरता है. इतिहासकारों की मानें तो यह मन्दिर बारहवीं सदी में बना था. यहां भगवान की सुंदर चित्रकारी की हुई मूर्ति है.
आप अयोध्या आ रहे हैं तो सरयू जी में स्नान जरूर करें. यहां कई घाट हैं जैसे नया घाट, राम घाट,लक्ष्मण घाट, गुप्तार घाट, आदि. सरयू में स्नान करना बड़ा फलदायी सिद्ध होता है. यहां नाव में बैठ आप आसपास के स्थानों का अवलोकन कर सकते हैं. घाट पर शाम के वक्त आरती भी होती है.
यह जगह सरयू घाट पर स्थित है. इस जगह को लेकर मान्यता है कि एक बार लक्ष्मण जी की इच्छा हुई कि वे तीर्थ यात्रा पर जाएं. ऐसे में रामजी ने कहा कि तुम इस जगह आना तो सभी तीर्थों का फल यहां स्नान कर मिल जाएगा. तभी से यहां की महिमा रही है. यहां हर साल दिवाली पर दीपोत्सव होता है.आज दीपोत्सव अयोध्या की पहचान हो गया है.
इस जगह का न सिर्फ पर्यटन बल्कि धार्मिक लिहाज से भी महत्व है. कहते हैं भगवान राम ने इसी स्थान पर जलसमाधि ली थी. इसलिए इस जगह की अपनी विशेषता है. यहां आसपास बहुत से मंदिर भी हैं. यहां लोग नौका विहार करने भी आते हैं. कई लोग मुक्ति पाने की इच्छा से भी इस घाट पर आते हैं.
यह जगह हनुमानगढ़ी के पास है. जैसे कि नाम से पता चल रहा है यह राजा दशरथ का महल हुआ करता था. यहां आपको पुराने डिजाइन में बना हुआ सुंदर और भव्य द्वार मिलेगा. अंदर की ओर जाने पर एक बड़ा सा आंगन है. कहते हैं कि भगवान राम अपने भाइयों संग यही खेला करते थे.
राम की पैड़ी में ही नागेश्वर नाथ मन्दिर है. कहते हैं कि इस मंदिर का निर्माण भगवान राम के पुत्र कुश ने कराया था. इस मंदिर के पीछे एक कहानी है कि एक बार सरयू नदी में नहाते समय कुश का बाजू बंद बह गया जो कि एक नाग कन्या के पास पहुंचा. उस कन्या को कुश से प्रेम हो गया. कुश ने उस नागकन्या के लिए इस मंदिर को बनवाया था.
गुलाब बाड़ी वैदेही नगर में है. यह अयोध्या कैंट में है और यहां नवाब शुजा उद् दौला और उनके माता पिता का मकबरा है. गुलाब के बगीचे के चलते इसका नाम गुलाब बाड़ी है. लोग यहां गुलाब के बगीचे में सैर सपाटे और मन बहलाने के लिए आते हैं.
भरत कुंड प्रयागराज मार्ग के किनारे पर है. भरत कुंड को नंदीग्राम के नाम से भी जाना जाता है. कहते हैं कि भगवान राम जब वन चले गए थे तो भरतजी ने यहीं से अयोध्या का राजकाज संभाला था. इसी क्षेत्र में जटा कुंड है जहां भगवान राम और लक्ष्मण ने अयोध्या लौटने पर अपने बाल कटवाए थे.