Allahabad High Court: इलाहाबाद हाईकोर्ट ने पत्नी की ओर से पति खिलाफ दर्ज कराए प्रताड़ना, दहेज और अप्राकृतिक संबंध मामले को रद्द कर दिया. महिला ने पति के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई थी. जिसमें अप्राकृति संबंध बनाने, दहेज और क्रूरता के आरोप लगाए गए थे. कोर्ट ने यौन सुख को पति-पत्नी के बीच झगड़े की वजह बताते हुए खारिज कर दिया.


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मामले में हाईकोर्ट में पति की ओर से याचिका दाखिल की गई. कोर्ट ने एफआईआर की जांच की तो मारपीट और प्रताड़ना के ठोस सबूत नहीं मिले. दोनों के बीच लड़ाई की वजह यौन इच्छाओं की सतुष्टि थी. पति यौन इच्छाओं की संतुष्टि के लिए जब संबंध बनाता तो पत्नी को यह अप्राकृतिक लगता. कोर्ट ने कहा, कि अगर पुरुष अपनी पत्नी के साथ यौन सुख की मांग नहीं करेगा तो वह यौन इच्छाओं को संतुष् करने कहां जाएगा. दोनों के बीच यौन इच्छाओं का केस क्रूरता का नहीं है. यह आदेस जस्टिस अनीश कुमार ने इंजीनियर पति की याचिका पर दिया.


नोएडा में एक महिला ने 2018 में पति के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई थी, पत्नी का आरोप था कि उसका पति और परिवार दहेज के लिए परेशान करता है. दहेज न मिलने पर उसके साथ मारपीट की गई. साथ ही कहा कि पति शराबी है और अप्राकृतिक संबंध की डिमांड करता है. जब उसने इसका विरोध किया तो पति ने उसे गला घोंटकर जान से मारने की कोशिश की.


एफआईआर में कहा गया कि दोनों की शादी 7 दिसंबर 2015 को हुई.  पत्नी के मुताबिक उसका पति सिंगापुर में इंजीनियर है. वह ससुराल में उसे छोड़कर वहां चला गया. जब 2017 मं वह सिंगापुर गई तो उसे कथित तौर पर प्रताड़ित किया गया. इसके बाद उसने नोएडा में केस दर्ज कराया था. इसके बाद पति ने ससुराल वालों ने हाईकोर्ट में याचिका दाखिल की थी. कोर्ट ने मामले की सुनवाई की तो पत्नी के आरोप अस्पष्ट और सामान्य मिले. जिसके बाद कोर्ट ने मामले को रद्द कर दिया.


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