Gyanvapi ASI Survey Case: ज्ञानवापी में वजूखाने को लेकर 22 अगस्त को हाईकोर्ट में सुनवाई, ASI सर्वे की मांग
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Gyanvapi ASI Survey Case: ज्ञानवापी में वजूखाने को लेकर 22 अगस्त को हाईकोर्ट में सुनवाई, ASI सर्वे की मांग

Gyanvapi ASI Survey Case:  ज्ञानवापी परिसर स्थित वजूखाने का एएसआई सर्वे की मांग का मामला. राखी सिंह की सिविल रिवीजन पर हाईकोर्ट में 22 अगस्त को  सुनवाई होगी. पिछली सुनवाई पर मस्जिद की इंतेजामिया कमेटी को जवाब दाखिल करने के लिए कोर्ट ने समय दिया था.

Allahabad High Court

Gyanvapi ASI Survey Case: वाराणसी के ज्ञानवापी परिसर में स्थित वजूखाने का भी सर्वेक्षण एएसआई आर्कियोलॉजिकल सर्वे ऑफ इंडिया से कराए जाने की मांग से जुड़े मामले में अब 22 अगस्त को इलाहाबाद हाईकोर्ट (Allahabad High Court)  में सुनवाई होनी है. हिंदू पक्षकार राखी सिंह की सिविल रिवीजन पर हाईकोर्ट में सुनवाई होगी.जस्टिस रोहित रंजन अग्रवाल  की सिंगल बेंच में दोपहर 2 बजे से  इस मामले की सुनवाई होनी है. 

ज्ञानवापी परिसर स्थित वजूखाने का एएसआई सर्वे की मांग का मामला
हिंदू पक्षकार राखी सिंह ने कथित वजूखाने का एएसआई से सर्वे की मांग की है. पिछली सुनवाई पर मस्जिद की इंतेजामिया कमेटी को जवाब दाखिल करने के लिए कोर्ट ने समय दिया था.

मुख्य याचिकाकर्ता राखी सिंह की तरफ से याचिका 
 वजूखाने के एएसआई सर्वेक्षण की मांग को लेकर श्रृंगार गौरी केस की मुख्य याचिकाकर्ता राखी सिंह की तरफ से ये याचिका दाखिल की गई है. याचिका में कहा गया है कि जिस तरह से ज्ञानवापी के पूरे परिसर का सर्वे किया गया है, उसी तरह से सील वजूखाने का भी सर्वे किया जाना चाहिए.

 दो अलग-अलग पर सुनवाई जारी
गौरतलब हो कि ज्ञानवापी मामले (gyanvapi cases) को लेकर दो अलग-अलग  में सुनवाई जारी है. एक सुनवाई ज्ञानवापी के मूलवाद यानी 1991 प्रकरण को लेकर है, जबकि दूसरी सुनवाई श्रृंगार गौरी में नियमित दर्शन को लेकर है. जिला जज कोर्ट के अलावा कोई अन्य न्यायालय में भी इस मामले की सुनवाई चल रही है.  ज्ञानवापी के गर्भगृह तक पहुंचने के लिए खुदाई की मांग की गई है.  

 पूजा-अर्चना की इजाजत
बता दें वाराणसी जिला कोर्ट की तरफ से ज्ञानवापी परिसर के तहखाने में पूजा-अर्चना की इजाजत दे दी गई थी. जिला अदालत के आदेश के बाद तहखाने में पूजा-अर्चना हो रही है. काशी विश्वनाथ मंदिर के अधिकारी स्थानीय प्रशासन के साथ मिलकर इसका प्रबंध कर रहे हैं. फिलहाल श्रद्धालु परिसर की सीमा पर लगाए गए बैरिकेड्स के पास से एक झरोखे (खिड़की) से तहखाने को देख सकते हैं.

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