UP Police Computer Operator Recruitment 2024: पुलिस भर्ती एवं प्रोन्नति बोर्ड, लखनऊ ने अहम नोटिस निकाला है. दरअसल बोर्ड द्वारा कम्प्यूटर ऑपरेटर के ग्रेड-ए के साथ ही ग्रेड-बी के वैकेंट पदों पर भर्ती संबंधी नोटिस जारी किया गया.
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UP Police Computer Operator Recruitment 2024: उत्तर प्रदेश पुलिस भर्ती एवं प्रोन्नति बोर्ड, लखनऊ ने एक बहुत महत्वपूर्ण नोटिस निकाला है. दरअसल बोर्ड द्वारा कम्प्यूटर ऑपरेटर के ग्रेड-ए व ग्रेड-बी के खाली पदों पर भर्ती से जुड़ा नोटिस जारी किया गया. जिसके अनुसार चयन के लिए कम्प्यूटर ऑपरेटर के 1009 खाली पदों के लिए विभागीय परीक्षा के आधार पर 2 जनवरी 2024 को लिखित परीक्षा का आयोजित किया गया था. बोर्ड की वेबसाइट http://uppbpb.gov.in पर परीक्षा की उत्तर कुंजी अथवा रिस्पॉन्स शीट की प्रतिकृति को 4 जनवरी 2024 से लेकर 10 जनवरी 2024 तक प्रदर्शित करते अभ्यर्थियों से परीक्षा में पूछे सवाल या उनके ऑप्शन को लेकर आपत्तियां की गई थी.
यूपी पुलिस भर्ती बोर्ड द्वारा कहा गया है कि छात्रों की तरफ से कई प्रश्नों पर आपत्तियां जताई गई, उसी आधार पर मास्टर उत्तरपुस्तिका पर 8 प्रश्न निरस्त किए गए हैं. वहीं 13 प्रश्न के ऑप्शन को संशोधित किया गया है. जो प्रश्न निरस्त किए गए हैं वो हैं-
प्रश्न संख्या- 46, प्रश्न संख्या- 153
प्रश्न संख्या- 107, प्रश्न संख्या- 147
प्रश्न संख्या- 15, प्रश्न संख्या- 79
प्रश्न संख्या- 88, प्रश्न संख्या- 109
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वहीं इन 13 प्रश्नों के विकल्प बदले गए हैं-
प्रश्न संख्या- 18, प्रश्न संख्या- 43
प्रश्न संख्या- 58, प्रश्न संख्या- 100
प्रश्न संख्या- 134, प्रश्न संख्या- 136
प्रश्न संख्या- 77, प्रश्न संख्या- 113
प्रश्न संख्या- 59, प्रश्न संख्या- 31
प्रश्न संख्या- 44, प्रश्न संख्या- 52, प्रश्न संख्या- 11
बोर्ड ने गणना के बारे में क्या कहा
इस भर्ती परीक्षा में जो भी प्रश्न निरस्त किए गए है और जिनके विकल्प को संशोधित किया गया है उन प्रश्नों से जुड़े विवरण को भी यूपी पुलिस भर्ती बोर्ड ने नोटिस में स्पष्ट किया है. यूपी पुलिस भर्ती बोर्ड द्वारा नोटिस में लिखा गया है कि जो भी प्रश्न निरस्त किए गए हैं उनके अंकों की गणना मान्यनीय हाईकोर्ट के दिए निर्णय दिनांक -27-07-2019 में स्थापित विधि व्यवस्था के मुताबिक होगी. आपको बता दें कि रिट याचिका संख्या -2669/2009 (एमबी) पवन कुमार अग्रहरि बनाम यूपी लोक सेवा आयोग में हाईकोर्ट ने निर्णय सुनाया था. बोर्ड ने ये भी कहा है कि नोटिस के माध्यम से जो भी सूचनाएं दी जा रही हैं उनको लेकरसूचना का अधिकार अधिनयम-2005 के अंतर्गत या अन्य जरियों से अलग से किसी तरह के प्रार्थना पत्र स्वीकारा नहीं जाएगा.