NRC पर नही होनी चाहिए राजनीति, यह राष्ट्रहित का मुददा है: राजनाथ सिंह
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NRC पर नही होनी चाहिए राजनीति, यह राष्ट्रहित का मुददा है: राजनाथ सिंह

गृहमंत्री ने कहा कि अनावश्यक कुछ लोगों के द्वारा भय पैदा करने की कोशिश की जा रही है . लेकिन मैं समझता हूं कि किसी को भयभीत होने की आवश्यकता नही है . 

गृहमंत्री राजनाथ सिंह (फाइल फोटो)

लखनऊ: केंद्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने शनिवार को कहा कि राष्ट्रीय नागरिक पंजी (एनआरसी) पर कोई राजनीति नही होनी चाहिए क्योंकि यह एक राष्ट्रहित का मुददा है . राजनाथ सिंह शनिवार को आर्यावत बैंक द्वारा आयोजित एक कार्यक्रम में हिस्सा लेने आये थे .

राजनाथ सिंह ने कार्यक्रम के बाद पत्रकारों से बातचीत में कहा कि 'मैं समझता हूं कि एनआरसी के मुददे पर कोई सियासत नही होनी चाहिए. एनआरसी का जो मुददा है वह राष्ट्रहित का मुद्दा है . असम के लोगो की यह एक लंबे समय से मांग थी और उनकी मांग पूरी हुई है .'

गृहमंत्री ने कहा कि अनावश्यक कुछ लोगों के द्वारा भय पैदा करने की कोशिश की जा रही है . लेकिन मैं समझता हूं कि किसी को भयभीत होने की आवश्यकता नही है . दावे और आपत्तियां के लिये भी पूरा समय उन्हें मिलेगा और उससे भी संतुष्ट नही होते है तो वह विदेशी नागरिक अधिकरण जा सकते है .' इससे पहले गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि ग्रामीण बैंक देश की बैंकिंग व्यवस्था की रीढ़ हैं. इससे गांव और गरीब के बीच विश्वास का भाव बढ़ता है.

हर राज्य का होना चाहिए एनआरसी : असम के राज्यपाल
वहीं असम के राज्यपाल जगदीश मुखी ने शनिवार को कहा कि हर राज्य में एनआरसी जरूर होना चाहिए और इसे नियमित रूप से अद्यतन किया जाना चाहिए, क्योंकि यह देश की आंतरिक सुरक्षा से संबंधित मुद्दों से निपटने में प्रभावकारी होगा. मुखी ने कहा कि एनआरसी सिर्फ असम में नहीं होना चाहिए, बल्कि देश के हर राज्य के लिए होना चाहिए.

उनका बयान असम में राष्ट्रीय नागरिक पंजी (एनआरसी) का अंतिम मसौदा जारी किए जाने के बाद छिड़ी बहस के बीच आया है. असम में एनआरसी के अंतिम मसौदे में 40 लाख लोगों के नाम शामिल नहीं हो पाए हैं.

मुखी ने कहा कि 30 जुलाई को एनआरसी का अंतिम मसौदा प्रकाशित किया जाना ‘ऐतिहासिक घटना’ है. उन्होंने कहा, ‘मेरा मानना है कि देश में हर राज्य का अपना एनआरसी होना चाहिए. सभी राज्यों द्वारा इसे तैयार किया जाना चाहिये और जनगणना रिपोर्ट प्रकाशित होने के बाद हर दस साल बाद इसे अद्यतन किया जाना चाहिए.’ उन्होंने कहा, ‘अगर इसे किया जाता है तो देश की आंतरिक सुरक्षा अच्छी होगी.’ 

जगदीश मुखी ने कहा, ‘केंद्र सरकार और सभी राज्य सरकारों को यह जानने का हक है कि उनके इलाके में कौन विदेशी अवैध तरीके से रह रहे हैं.’ उन्होंने कहा, ‘अंतिम एनआरसी में एक भी भारतीय का नाम नहीं छोड़ा जाएगा.’ मुखी ने कहा, ‘निश्चित तौर पर उनके नाम सूची में होंगे.’ उन्होंने कहा, ‘जिनके नाम छूट गए हैं, उन्हें चिंतित होने की जरूरत नहीं है. उन्हें अपनी नागरिकता साबित करने का मौका दिया जाएगा.’  जगदीश मुखी ने कहा कि प्रक्रिया पहले ही चल रही है, जिसके तहत लोगों को बताया जाएगा कि क्यों उनके नाम मसौदा एनआरसी में शामिल नहीं किए गए हैं.

(इनपुट - भाषा)

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