Vivah Panchami Mahotsav: नेपाल में मनाया गया राम जानकी विवाह पंचमी महोत्सव, अयोध्या में हो रही रामलला के प्राण प्रतिष्ठा की तैयारी
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Vivah Panchami Mahotsav: नेपाल में मनाया गया राम जानकी विवाह पंचमी महोत्सव, अयोध्या में हो रही रामलला के प्राण प्रतिष्ठा की तैयारी

Vivah Panchami Mahotsav: नेपाल के जनकपुर में जानकी मंदिर अपने पौराणिक मान्यताओं के कारण प्रसिद्ध है. यहां सप्ताह भर चलने वाला राम जानकी विवाह पंचमी महोत्सव धूमधाम से मनाया जा रहा है.

 

Vivah Panchami Mahotsav

Vivah Panchami Mahotsav: मान्यता है कि नेपाल के जनकपुर में भगवान राम और माता सीता का विवाह हुआ था. इस स्थान पर ही बाद में जानकी मंदिर बना दिया गया. जानकी मंदिर में हर वर्ष विवाह पंचमी महोत्सव धूमधाम से मनाया जाता है. जनकपुर  हिंदुओं के लिए अहम तीर्थस्थल बन चुका है.  जनकपुरधाम में मनाया जाने वाला यह महोत्सव सप्ताह भर चलता है 
सीताराम विवाह पंचमी महोत्सव का आज  बुधवार को तीसरा दिन है. जानकी मंदिर में विवाह पंचमी महोत्सव के पहले दिन भगवान राम और सीता का स्वरूप बनाकर जनकपुर धाम का नगर दर्शन कराया गया. दूसरे दिन जनकपुर में फुलवारी लीला मनाया गया. इसके बाद आज  तीसरे दिन जानकी मंदिर के प्रांगण में धनुष यज्ञ लीला हुई. इसी क्रम में चौथे दिन तिलकोत्सव, पांचवें दिन मटकोर, छठे दिन दोपहर में स्वयंवर और रात में विवाह का आयोजन होगा. आखिरी दिन, राम कलेवा यानि अयोध्या से आये बारातियों की विदाई होगी.

कार्यक्रम में साधु संतों और भक्तों की भीड़
इस कार्यक्रम साधु संतोंके साथ सैकड़ों की संख्या में श्रद्धालु विभिन्न झांकियों के साथ शामिल हुए. इस अवसर पर विभिन्न प्रकार के मांगलिक गीत प्रस्तुत किए गए. और राम सीता का संयोग मिलन हुआ. पूरा जनकपुर राम सीता की भक्ति में डूब गया. कार्यक्रम में राम सिया की झांकियों ने श्रद्धालुओं का मन मोह लिया.  कार्यक्रम के मुख्य आयोजक जानकी मंदिर के महंत राम तपेश्वर दास, उत्तराधिकारी महंत राम, रौशन दास व पुजारी ऋषिकेश दास पूरे कार्यक्रम के सुचारु संचालन पर नजर रख रहे हैं.  कार्यक्रम में गए जाने वाले मैथिली गीतों से जनकपुर नगरी सराबोर हो रही है.

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रामायण में भी है वर्णन 
रामायण में वर्णित कथा के अनुसार महर्षि विश्वामित्र राम और लक्ष्मण के साथ बिसौल उपवन में ठहरे थे. राजा जनक ने महर्षि विश्वामित्र से मिलकर सीता स्वयंवर में जनकपुरधाम आने के लिए विनती की थी. तब महर्षि विश्वामित्र, प्रभु राम और लक्ष्मण के साथ जनकपुरधाम पहुंचते हैं. वहां राजा जनक राजसी अतिथिशाला में ठहराते हैं. विश्राम के बाद महर्षि वाल्मीकि राम और लक्ष्मण के साथ जनकपुरधाम नगर को दर्शन के लिए निकलते हैं. इसे पहले दिन के नगर भ्रमण कार्यक्रम के माध्यम से प्रस्तुत किया जाता है. नगर परिक्रमा के कार्यक्रम को लेकर पूरे जनकपुर की  साफ-सफाई की गई. साथ ही अयोध्या से आ रही बारात के स्वागत की जबरदस्त तैयारी की जा रही है. शहर में घूमने और स्वागत करने के लिए बच्चों को राम और लक्ष्मण की प्रतिमूर्ति बनाई गई है. जनकपुर के राम जानकी मंदिर राम, संकट मोचन सहित अन्य मंदिरों को दुल्हन की तरह सजाया गया है.

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