मोहम्मद गुफरान/प्रयागराज: श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के वरिष्ठ सदस्य स्वामी वासुदेवानंद सरस्वती का कहना है कि 29 जुलाई और 5 अगस्त की तारीखों को राम मंदिर निर्माण के भूमि पूजन के लिए इसलिए तय किया गया है क्योंकि इन दोनों तिथियों पर ग्रहों और नक्षत्रों का विशेष संयोग बन रहा है. उनके मुताबिक पांच अगस्त को सावन महीने की पूर्णिमा होने से उस दिन का मुहूर्त सबसे अच्छा है. ज्यादा संभावना इसी बात की है कि उसी दिन राम मंदिर निर्माण के लिए भूमि पूजन हो.


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3 या 5 अगस्त को राम मंदिर के लिए भूमि पूजन?, पीएमओ को भेजी गईं प्रस्तावित तारीखें


स्वामी वासुदेवानंद सरस्वती का कहना है कि 29 जुलाई को सर्वार्थ सिद्धि योग और शोभन योग है, इसलिए उसे दूसरे विकल्प के तौर पर चुना गया है. इसके अलावा कुछ सदस्यों ने 3 तीन अगस्त की एक अन्य तारीख का भी विकल्प दिया है. अयोध्या में शुक्रवार को हुए राम मंदिर ट्रस्ट की बैठक में वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए शामिल हुए स्वामी वासुदेवानंद का कहना है कि जन भावनाओं का सम्मान करते हुए पीएम नरेंद्र मोदी को न्यौता भेज गया है.


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वासुदेवानंद के मुताबिक राम मंदिर विश्व हिंदू परिषद द्वारा प्रस्तावित मॉडल पर ही बनेगा, बस मंदिर को भव्यता देने के लिए उसके गुंबद में कुछ बदलाव किया जाएगा. वीएचपी के मॉडल से कोई छेड़छाड़ नहीं होगी. उनके मुताबिक कोरोना के मद्देनजर भूमि पूजन में चुनिंदा लोग ही शामिल होंगे. स्वामी वासुदेवानंद सरस्वती ने कहा कि कारसेवक पुरम स्थित वीएपी कार्यशाला में पत्थर तराशने का काम पहले ही चल रहा है. भूमि पूजन के बाद इसमें और तेजी आएगी.


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