अयोध्या: अयोध्या में रामलला के मंदिर निर्माण को लेकर राम भक्तों को अभी कुछ दिन और इंतजार करना होगा. राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के महामंत्री चंपत राय का कहना है कि अभी राम मंदिर निर्माण के लिए नींव की डिजाइन फाइनल होने में  करीब 3 सप्ताह का समय लगेगा. माना जा रहा है कि जनवरी के अंतिम सप्ताह में राम मंदिर निर्माण के लिए नींव की डिजाइन फाइनल हो जाएगी. जबकि पहले खबर थी कि मकर संक्रांति यानी 15 जनवरी तक राम मंदिर निर्माण के लिए डिजाइन फाइनल होने के साथ नींव खुदाई का कार्य शुरू हो जाएगा. 


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वहीं राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के महामंत्री चंपत राय का कहना है कि टाटा कंसल्टेंसी और निर्माण कंपनी लार्सन एंड टूब्रो के एक्सपर्ट इंजीनियर अपने सहयोगी इंजीनियरों के साथ नींव की डिजाइन को तैयार कर रहे हैं. चंपत राय का दावा है कि राम मंदिर निर्माण के लिए नींव की डिजाइन सर्वोत्तम ड्राइंग होगी. उन्होंने कहा कि राम जन्म भूमि को सभी लोग राष्ट्रीय महत्त्व का स्थान मानते हैं. वो सभी इंजीनियर श्रद्धा के पात्र और सुपात्र हैं, जिन्होंने राम मंदिर की नींव डिजाइन में सहभागिता की है. 


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जनवरी के आखिरी सप्ताह में हो सकती है बैठक 
वहीं सूत्रों के मुताबिक जनवरी के अंतिम सप्ताह में राम मंदिर निर्माण समिति की एक बैठक भी अयोध्या में की जा सकती है. जिसमें राम मंदिर निर्माण की नींव की डिजाइन को फाइनलाइज किया जाएगा और राम मंदिर निर्माण के लिए खुदाई के साथ नींव के काम की शुरुआत कर दी जाएगी. इस बैठक में राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के महामंत्री चंपत राय, मंदिर निर्माण समिति के अध्यक्ष पूर्व आएएएस निपेंद्र मिश्र, ट्रस्ट के कोषाध्यक्ष गोविंद देव गिरी जी महाराज, राम मंदिर की मॉडल बनाने वाले सोमपुरा परिवार से आशीष सोमपुरा, डॉ अनिल मिश्र और टाटा कंसल्टेंसी व लार्सन एंड टूब्रो के एक्सपर्ट इंजीनियर और IIT के विशेषज्ञ इंजीनियरों के साथ शामिल होंगे. माना जा रहा है कि इस बैठक में नींव की डिजाइन पर मोहर लग सकती है. 


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नींव बन रही चैलेंज
दरअसल, सरयू नदी के किनारे रामलला का जन्मस्थान होने की वजह से जमीन के 100 फिट नीचे तक भुरभुरी मिट्टी मिल रही है. इस वजह से पाइलिंग याली पिलर डालने के काम में बाधा आ रही है. इसे दूर करने के लिए और मंदिर 1000 साल तक सुरक्षित रहे, इसलिए देशभर के IIT विशेषज्ञ की टीम नींव की बेहतर डिजाइन तैयार करने की कोशिश कर रही है. बता दें, IIT चेन्नई, मुंबई, कानपुर, दिल्ली, गुवाहाटी और CBRI रुड़की के मौजूदा और रिटायर्ड विशेषज्ञ रिपोर्ट तैयार करने में लगे हुए हैं. 


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