रामपुर: समाजवादी पार्टी (SP) के सांसद आजम खान के बेटे अब्दुल्ला आजम (Abdullah Azam) को एमपी-एमएलए कोर्ट से झटका लगा है. कोर्ट ने अब्दुल्लाह आजम खान के पासपोर्ट संबंधित मामले में चार्ज फ्रेम कर दिए हैं. अबदुल्ला आजम इस दौरान वर्चुअल कॉन्फ्रेंस के माध्यम से कोर्ट में पेश हुए. आपको बता दें कि सुप्रीम कोर्ट ने भी बीते दिनों कोर्ट ने पासपोर्ट मामले में अब्दुल्ला आजम को जमानत दी थी. बीजेपी के नेता आकाश सक्सेना ने अब्दुल्लाह आजम खान पर दो पासपोर्ट मामले में तहरीर दी थी. 


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कोर्ट ने इस मामले में गवाही के लिए भाजपा नेता आकाश सक्सेना को बुलाया है. उनकी गवाही सोमवार यानी 13 सितंबर को होगी. बता दें कि पैनकार्ड और फर्जी जन्म प्रमाण पत्र मामले में भी आकाश सक्सेना की गवाही पूरी हो चुकी है. 


क्या है पूरा मामला?
आजम खान और उनके बेटे अब्दुल्ला आजम के खिलाफ कई केस चल रहे हैं. जमीन हड़पने से लेकर फर्जी कागजात तैयार करने समेत कई ऐसे मामले हैं, जिनकी वजह से आजम खान और उनके बेटे जेल में बंद हैं. अब्दुल्ला आजम पर रामपुर में गैरकानूनी तरीके से जमीन कब्जाने और फर्जी प्रमाणपत्र बनाने जैसे दर्जनों आरोप लगे हुए हैं. इन सबकी वजह से विधानसभा से आजम खान के बेटे अब्दुल्ला की सदस्यता रद्द कर दी गई थी. हाईकोर्ट ने 16 दिसंबर 2019 को अब्दुल्ला आजम के निर्वाचन को रद्द कर दिया था. अब्दुल्ला पर गलत जानकारी देने और फर्जी दस्तावेज बनाने का आरोप लगा था. अब्दुल्ला की उम्र चुनाव के समय 25 साल नहीं थी. इसके बावजूद फर्जी कागजात बनवाकर उन्होंने चुनाव लड़ा.  


सुप्रीम कोर्ट ने दिया था जमानत पर रिहा करने का आदेश 
अब्दुल्ला आजम के वकील जुबैर अहमद खान के मुताबिक, सुप्रीम कोर्ट ने अब्दुल्ला आजम को जमानत पर रिहा करने का आदेश दिया है. कोर्ट ने पैन कार्ड मामले में भी अब्दुल्ला आजम को जमानत देते हुए शिकायतकर्ता आकाश सक्सेना के बयान दर्ज करने की बात कही थी. वहीं, दो जन्म प्रमाण मामले में पुलिस ने सप्लीमेंट चार्जशीट लगाकर धारा 120 B बढ़ाई थी, उसमें भी जमानत करानी पड़ेगी. ऐसे में अब जिला अदालत की स्पेशल कोर्ट में शिकायतकर्ता आकाश सक्सेना का बयान दर्ज होने के बाद अब्दुल्लाह आजम कभी भी जेल से बाहर आ सकते हैं. 


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