Ram Katha Vachak List: देश में कई जानेमाने रामकथा वाचक हैं जो रामनाम, रामलीला का खूब प्रचार करते हैं और अपने आराध्य श्रीराम का वंदन करते हैं. इनमें जगतगुरु रामभद्रा आचार्य, मुरारी बापू, कृष्ण चंद्र शास्त्री के अलावा जानेमाने धीरेन्द्र कृष्ण शास्त्री, देवकी नंदन ठाकुर का नाम आता है. पिछले कुछ समय से पूरे देश में भगवान श्री राम के नाम की लहर चल पड़ी है. रामकथा वाचक (Ram Katha Vachak) श्री राम नाम का खूब प्रचार करते हैं. आइए इन कथावाचकों के बारे में और जानते हैं. 


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जगतगुरु राम भद्रा आचार्य जी (Jagad Guru Ramabhadra Aacharya )
देश के एक महान हिंदू संत जो अपनी विद्वता के कारण भी जाने जाते हैं और संत समाज और पूरे देश में उनका बहुत सम्मान है. 14 जनवरी 1950 को जौनपुर, उत्तरप्रदेश में जन्में जगतगुरु राम भद्रा आचार्य जी को लोग तब अधिक जानने लगे जब उन्होंने सुप्रीम कोर्ट में वेद पुराण के उद्धारण के साथ रामलला के पक्ष में गवाही दी थी. जिसने पूरे फैसले का रूख बदलकर रख दिया. सबसे हैरानी की बात है कि दो माह की उम्र में ही जगत गुरु की आंखों की रोशनी चली गई थी. लेकिन आज वो 22 भाषाओं के जानकार हैं और 80 ग्रंथों (80 Granth) की उन्होंने रचना की है. तुलसीपीठ के संस्थापक के साथ पद्मविभूषण, विद्वान प्रवचनकार, बहुभाषी है. 


मोरारी बापू जी (Murari Bapu ji) 
Murari Bapu ji को एक हिंदू आध्यात्मिक गुरु के साथ ही उपनिदेशक के तौर पर भी जाना जाता है. रामचरित मानस के एक जाने माने प्रतिपादक भी हैं. गुजरात में महुआ (mahua) के तालगरजदा गांव में में मुरारी बापू 25 सितंबर 1946 को जन्में. भारत सहित पूरे विश्व में उन्होंने कई अलग-अलग देशों में रामकथा की है औप दान देने के लिए भी बापू को जाना जाता है. 


कृष्ण चंद्र शास्त्री जी (Krishna Chandra shasthri) 
कृष्ण चंद्र शास्त्री जी एक ऐसे कथा वाचक हैं जिनके कथा कहने की ढंग को बहुत ही अद्भूत माना जाता है. अध्यात्म जगत में इन कथा वाचक को लोग बहुत सुंदर कथा वाचक के तौर पर जानते हैं. 1 जुलाई 1960 में वृंदावन के पास लक्ष्मणपुरा गांव में जन्मेंकृष्ण चंद्र शास्त्री जी ने अबतक लगभग 1000 से अधकि श्री रामकथा और श्री भागवत कथा का सरस प्रवाह किया है. इनके गुरू पूज्य श्री रामानुजाचार्य जी ने इन्हें ठाकुर जी की उपाधि दी. इनकी लिखी पुस्तक श्री मद् भागवत कथाकार में बहुत ही सरल रूप में  श्रीमद् भागवत को समझाया गया है. 


धीरेन्द्र कृष्ण शास्त्री (Dheerendra Krishna shastri)
इनको धीरेन्द्र कृष्ण गर्ग के नाम से भी जाना जाता है.बागेश्वर धाम महाराज के के नाम से भी लोकप्रिय है और मध्यप्रदेश में छतरपुर जिले के गांव गढ़ा के एक प्रसिद्ध धार्मिक तीर्थ स्थल बागेश्वर धाम सरकार के पीठाधीश्वर भी हैं. धीरेन्द्र कृष्ण गर्ग का जन्म 4 जुलाई 1996 में हुए. छतरपुर में पैदा हुए गर्ग का तब छा गया जह उन्होंने नागपूर की अखिल भारतीय अंधश्रद्धा निर्मूलन समिति के श्याम मानव नाम के एक शख्स ने दरबार में चुनौती दी व अध्यात्मिक शक्तियों पर प्रश्न खड़े किए शास्त्री जी पर अंधविश्वास को बढ़ावा देने तक का आरोप लगा. हालांकि पिछले साल 25 जनवरी 2023 को पुलिस ने क्लीन चिट दे दी. 


देवकी नंदन ठाकुर जी  (Devaki Nandan Thakur ji) 
देवकी नंदन ठाकुर जी एक अध्यात्मिक गुरु के साथ ही हिंदू पुराण कथा वाचक व गायक के तौर पर अपनी पहचान रखते हैं. वे 1997 से श्री श्रीमद भागवत कथा करते हैं, श्री राम कथा, देवी भागवत के अलावा वो शिव पुराण कथा, भगवत गीता का भी प्रवचन करते हैं. यूपी में मथुरा (mathura) के ओहावा गांव में देवकी नंदन ठाकुर जी महाराज 12 सितंबर 1978 को जन्में. देवकी नंदन ठाकुर पूरे मन से कथा का वाचन करते हैं.


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