Ashadha Maas 2024 Date: ज्येष्ठ खत्म होने के बाद आषाढ़ माह की शुरुआत हो जाएगी. आषाढ़ में की गई पूजा, पाठ, मंत्र जाप, तीर्थ दर्शन करने वालों को अमोघ फल मिलता है. आषाढ़ का महीना भगवान विष्णु को समर्पित माना जाता है. यही वह महीना है जब जगत के पालनहार भगवान विष्णु देवशयनी एकादशी के दिन चार महीने के लिए योग निद्रा में चले जाते हैं और चातुर्मास भी प्रारंभ हो जाता है. इस महीने में कई महत्वपूर्ण व्रत और त्योहार आते हैं. आषाढ़ माह को आध्यात्मिक और ज्योतिषीय दृष्टि से बहुत महत्वपूर्ण माना जाता है.  ऐसी मान्यता है कि आषाढ़ में तीर्थ दर्शन करने से पुण्य की मिलता है. आषाढ़ मास 22 जून से प्रारंभ और 21 जुलाई को समापन हो रहा है. जानते हैं आषाढ़ मास कब से लग रहा है और धार्मिक महत्व के बारे में.


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आषाढ़ मास आरंभ तिथि 2024
वैदिक पंचांग के अनुसार आषाढ़ मास के कृष्ण पक्ष की प्रतिपदा तिथि 22 जून को सुबह 6:37 बजे प्रारंभ 
षाढ़ मास के कृष्ण पक्ष की प्रतिपदा तिथि 23 जून को प्रातः 5:15 बजे समाप्त 
उदया तिथि के अनुसार आषाढ़ मास का आरंभ 23 जून, रविवार को होगा.


कई प्रमुख व्रत त्योहार
इस महीने में देवशयनी एकादशी, चातुर्मास प्रारंभ, गुप्त नवरात्रि, गुरु पूर्णिमा आदि कई प्रमुख व्रत त्योहार आते हैं, इस वजह से आषाढ़ मास को ज्योतिषीय और आध्यात्मिक दृष्टि से बहुत महत्वपूर्ण माना गया है. देवशयनी एकादशी के बाद शादी विवाह जैसे कोई मांगलिक कार्य भी नहीं होते हैं. हालांकि श्री हरि का पूजन इस दौरान शुभ फलदायी माना गया है. आषाढ़ मास में देवी दुर्गा, भगवान शिव, भगवान विष्णु और भगवान सूर्यदेव की पूजा का विधान है.


आषाढ़ माह के नियम
अषाढ़ माह में पिंडदान, तर्पण, स्नान और दान आदि किया जाता है. ऐसा करने से पूर्वज खुश होते है और उनकी कृपा प्राप्त होती है. अषाढ़ माह में पूजा-पाठ ओर हवन करने का विधान है. शास्त्रों के अनुसार, इस माह में सूर्योदय से पहले उठकर स्नान करना चाहिए. ऐसा करने से इंसान का शरीर निरोगी रहता है.


Disclaimer: यहां दी गई सभी जानकारियां धार्मिक आस्था और लोक मान्यताओं पर आधारित हैं. Zeeupuk इस बारे में किसी तरह की कोई पुष्टि नहीं करता है. इसे सामान्य जनरुचि को ध्यान में रखकर यहां प्रस्तुत किया गया है.


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