Kanya Pujan Muhurt 2024: चैत्र नवरात्रि में कन्या पूजन अष्टमी को करें या नवमी को? जानें शुभ-मुहूर्त और पूजा विधि
Kanya Pujan Muhurt 2024: नवरात्रि के समापन पर भक्त कन्या पूजन करते हैं और कन्याओं को माता का रूप मानते हुए शुभ मुहूर्त में उनकी पूजा करके उन्हें उपहार भी देते हैं.
chaitra navratri 2024 / Kanya Pujan Muhurt: चैत्र नवरात्रि का 17 अप्रैल 2024 को समापन हो रहा है. नवरात्रि के दिन माता दुर्गा के सिद्धिदात्री स्वरूप की आराधना की जाती है. इसी दिन कन्या पूजन भी होती है. वैसे भारत में कई जगह कन्या पूजन अष्टमी तिथि पर भी की जाती है. अष्टमी तिथि पर माता महागौरी की आराधना की जाती है.जिसे महाअष्टमी कहा जाता है. आइए जाने कि नवरात्रि की अष्टमी और नवमी तिथि पर कन्या पूजन किस विधि से करें और कन्या पूजन के लिए शुभ मुहूर्त क्या हैं.
चैत्र नवरात्रि में कन्या पूजन का शुभ मुहूर्त
पंचांग की माने तो चैत्र माह के शुक्ल पक्ष में पड़ने वाली अष्टमी तिथि इस साल 15 अप्रैल 2024 को दोपहर के समय 12 बजकर 10 मिनट से प्रारंभ है. 16 अप्रैल को दोपहर 1 बजकर 24 मिनट पर इसका समापन है. वहीं नवमी तिथि 16 अप्रैल को दोपहर 1 बजकर 24 मिनट से आरंभ होकर 17 अप्रैल को 3 बजकर 25 मिनट तक रहेगी. उदयातिथि की मान्यता से अष्टमी तिथि पर व्रत 16 अप्रैल व नवमी तिथि का व्रत 17 अप्रैल को है. कन्या पूजन भी इन्हीं तिथियों पर की जाएंगी.
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कन्या पूजन का शुभ मुहूर्त अष्टमी तिथि पर- सुबह 11 बजकर 56 मिनट से शुरू होकर दोपहर 12 बजकर 47 मिनट तक रहेगा.
केकन्या पूजन का शुभ मुहूर्त नवमी तिथि पर- सुबह 6 बजकर 26 मिनट से शुरू होकर सुबह 7 बजकर 52 मिनट तक रहेगा.
कन्या पूजन की विधि
कन्या पूजन करने से एक दिन पहले कन्याओं को आमंत्रित करें. कन्या पूजन वाले दिन सुबह ही स्नान करें और घर के पूजा स्थल की सफाई कर लें.
जिस स्थान पर कन्याएं बैठेंगी उसे साफ करें और कन्याओं के घर आगमन पर स्वागत करें. उनके पैर धुलाएं. फिर उनकी कलाई पर मोली बांधें व तिलक करें.
तिलक करके कन्याओं को भोजन कराए. कन्याओं को भोग लगाने से पहले मातारानी को भोग कराए.
भोजन के बाद कन्याओं के हाथ धुलवाएं व उन्हें उपहार दें. उपहार के रूप में पुस्तकें या शिक्षा से जुड़ा सामान दें. फल, ड्राई फ्रुट्स भी उपहार दे सकते हैं.
सत्कार के साथ सभी कन्याओं को विदा करें.
कन्या पूजन के कई लाभ
कन्या पूजन से जुड़ी कुछ बातों का ध्यान रखें. जैसे- कन्या की आयु 10 साल से अधिक न हो. कन्याओं को इस दिन कतई न डांटें. एक बटुक को भी कन्या के साथ आमंत्रित करें. नवरात्रि में कन्या पूजन करने से माता की कृपा मिलती है. आपके घर में कन्या पूजन से सुख-समृद्धि आती है, घर के कलह दूर होते हैं. माता का आशीर्वाद प्राप्त होता है. सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं.