Chhath Parv 2023: चार दिनों तक चलने वाला आस्था के प्रतीक छठ महापर्व की शुरूआत हो चुकी है. ये त्योहार कार्तिक माह के शुक्लपक्ष की चतुर्थी तिथी से नहाय-खाए के साथ शुरू हो जाता है. इसके बाद पंचमी वाले दिन खरना होता है. षष्ठी तिथी पर डूबते सूर्य को अर्घ्य दिया जाता है. वहीं, सप्तमी को उगते सूर्य को जल अर्पित कर व्रत संपूर्ण होता है. छठ पर्व पर सूर्य देवता और छठी मैय्या की पूजा की जाती है. 


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निर्जला रखा जाता है छठ का व्रत
 ये व्रत बेहद कठिन माना जाता है. इस व्रत में उपवास रखने वाली महिला को 36 घंटों तक कठिन नियमों का पालन करती हैं. बिहार, झारखंड और यूपी के कुछ इलाकों में छठ पर्व को बड़े धूमधाम से मनाया जाता है. यह व्रत संतान के सुखी जीवन की कामना के लिए किया जाता है. व्रत के तीसरे दिन सूर्य को अर्घ्य देना होता है. यहां पर हम आपको अलग-अलग शहरों की संध्या अर्घ्य टाइमिंग के बारे में बताएंगे.


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अर्घ्य देते समय का मंत्र
सूर्य को अर्घ्य देते समय करें इन मंत्रों का जाप करने से पूजा के लाभ में वृद्धि होगी।


ऊँ ऐही सूर्यदेव सहस्त्रांशो तेजो राशि जगत्पते।
अनुकम्पय मां भक्त्या गृहणार्ध्य दिवाकर:।।


ऊँ सूर्याय नम:, ऊँ आदित्याय नम:, ऊँ नमो भास्कराय नम:। अर्घ्य समर्पयामि।।


यहां जानें अपने शहर में संध्या अर्घ्य टाइमिंग


दिल्ली: शाम 5:27 बजे
कोलकाता: शाम 5:00 बजे
पटना: शाम 5:00 बजे
गया: शाम 5:02 बजे
लखनऊ: 4:52 बजे
कानपुर: शाम 5:28 बजे
प्रयागराज: शाम 5:15 बजे
चंडीगढ़: शाम 5:25 बजे
भोपाल: शाम 5:35 बजे
भागलपुर: शाम 4:54 बजे
रांची: शाम 5:03 बजे
हैदराबाद: शाम 5:40 बजे


इन बातों का रखें ध्यान


छठ पूजा के चारों दिन पूजा-पाठ या किसी भी हवन-अनुष्ठान में शामिल होने से पहले स्नान जरूर करें. छठ पूजा के दौरान अगर आप व्रत रख रहे हैं तो व्रत के खाने में सेंधा नमक ही खाएं. छठ पूजा का भोग या प्रसाद बनाने से पहले हाथों को गंगाजल से धोएं. जितने दिन छठ पूजा का त्योहार है, उतने दिन प्याज और लहसुन का इस्तेमाल खाना बनाने में न करें.  छठ पूजा के दौरान कभी भी पुरानी टोकरी इस्तेमाल नहीं करें.


Disclaimer: यहां दी गई सभी जानकारियां धार्मिक आस्था और लोक मान्यताओं पर आधारित हैं. Zeeupuk इस बारे में किसी तरह की कोई पुष्टि नहीं करता है. इसे सामान्य जनरुचि को ध्यान में रखकर यहां प्रस्तुत किया गया है.


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