Maa Laxmi 108 Names: हर वर्ष कार्तिक माह की अमावस्या तिथि को दीपावली का त्योहार मनाया जाता है. इस दिन धन की देवी मां लक्ष्मी की पूजा का विशेष महत्व है. दीपावली पर मां लक्ष्मी की पूजा करने से धन और वैभव की प्राप्ति होती है. आर्थिक तंगी दूर होती है और घर में सकारात्मकाता आती है. मान्यता है कि दिवाली पूजन के दौरान श्री लक्ष्मी अष्टोत्तर स्त्रोत का पाठ करना चाहिए. ऐसा करने से मां लक्ष्मी की कृपा प्राप्त होती है. 


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श्री लक्ष्मी अष्टोत्तर स्त्रोत (Maa Laxmi 108 Names)
ॐ प्रकृत्यै नमः ॥
ॐ विकृत्यै नमः ॥
ॐ विद्यायै नमः ॥
ॐ सर्वभूतहितप्रदायै नमः ॥
ॐ श्रद्धायै नमः ॥
ॐ विभूत्यै नमः ॥
ॐ सुरभ्यै नमः ॥
ॐ परमात्मिकायै नमः ॥
ॐ वाचे नमः ॥
ॐ पद्मालयायै नमः ॥ 10 ॥


ॐ पद्मायै नमः ॥
ॐ शुचये नमः ॥
ॐ स्वाहायै नमः ॥
ॐ स्वधायै नमः ॥
ॐ सुधायै नमः ॥
ॐ धन्यायै नमः ॥
ॐ हिरण्मय्यै नमः ॥
ॐ लक्ष्म्यै नमः ॥
ॐ नित्यपुष्टायै नमः ॥
ॐ विभावर्यै नमः ॥ 20 ॥


ॐ अदित्यै नमः ॥
ॐ दित्ये नमः ॥
ॐ दीपायै नमः ॥
ॐ वसुधायै नमः ॥
ॐ वसुधारिण्यै नमः ॥
ॐ कमलायै नमः ॥
ॐ कान्तायै नमः ॥
ॐ कामाक्ष्यै नमः ॥
ॐ क्ष्रीरोधसंभवाम् नमः ॥
ॐ क्रोधसंभवायै नमः ॥ 30 ॥


ॐ अनुग्रहप्रदायै नमः ॥
ॐ बुद्धये नमः ॥
ॐ अनघायै नमः ॥
ॐ हरिवल्लभायै नमः ॥
ॐ अशोकायै नमः ॥
ॐ अमृतायै नमः ॥
ॐ दीप्तायै नमः ॥
ॐ लोकशोकविनाशिन्यै नमः ॥
ॐ धर्मनिलयायै नमः ॥
ॐ करुणायै नमः ॥ 40 ॥


ॐ लोकमात्रे नमः ॥
ॐ पद्मप्रियायै नमः ॥
ॐ पद्महस्तायै नमः ॥
ॐ पद्माक्ष्यै नमः ॥
ॐ पद्मसुन्दर्यै नमः ॥
ॐ पद्मोद्भवायै नमः ॥
ॐ पद्ममुख्यै नमः ॥
ॐ पद्मनाभप्रियायै नमः ॥
ॐ रमायै नमः ॥
ॐ पद्ममालाधरायै नमः ॥ 50 ॥


ॐ देव्यै नमः ॥
ॐ पद्मिन्यै नमः ॥
ॐ पद्मगन्धिन्यै नमः ॥
ॐ पुण्यगन्धायै नमः ॥
ॐ सुप्रसन्नायै नमः ॥
ॐ प्रसादाभिमुख्यै नमः ॥
ॐ प्रभायै नमः ॥
ॐ चन्द्रवदनायै नमः ॥
ॐ चन्द्रायै नमः ॥
ॐ चन्द्रसहोदर्यै नमः ॥ 60 ॥


ॐ चतुर्भुजायै नमः ॥
ॐ चन्द्ररूपायै नमः ॥
ॐ इन्दिरायै नमः ॥
ॐ इन्दुशीतलायै नमः ॥
ॐ आह्लादजनन्यै नमः ॥
ॐ पुष्टयै नमः ॥
ॐ शिवायै नमः ॥
ॐ शिवकर्यै नमः ॥
ॐ सत्यै नमः ॥
ॐ विमलायै नमः ॥ 70 ॥


ॐ विश्वजनन्यै नमः ॥
ॐ तुष्टयै नमः ॥
ॐ दारिद्र्यनाशिन्यै नमः ॥
ॐ प्रीतिपुष्करिण्यै नमः ॥
ॐ शान्तायै नमः ॥
ॐ शुक्लमाल्यांबरायै नमः ॥
ॐ श्रियै नमः ॥
ॐ भास्कर्यै नमः ॥
ॐ बिल्वनिलयायै नमः ॥
ॐ वरारोहायै नमः ॥ 80 ॥


ॐ यशस्विन्यै नमः ॥
ॐ वसुन्धरायै नमः ॥
ॐ उदारांगायै नमः ॥
ॐ हरिण्यै नमः ॥
ॐ हेममालिन्यै नमः ॥
ॐ धनधान्यकर्ये नमः ॥
ॐ सिद्धये नमः ॥
ॐ स्त्रैणसौम्यायै नमः ॥
ॐ शुभप्रदाये नमः ॥
ॐ नृपवेश्मगतानन्दायै नमः ॥ 90 ॥


ॐ वरलक्ष्म्यै नमः ॥
ॐ वसुप्रदायै नमः ॥
ॐ शुभायै नमः ॥
ॐ हिरण्यप्राकारायै नमः ॥
ॐ समुद्रतनयायै नमः ॥
ॐ जयायै नमः ॥
ॐ मंगळा देव्यै नमः ॥
ॐ विष्णुवक्षस्स्थलस्थितायै नमः ॥
ॐ विष्णुपत्न्यै नमः ॥
ॐ प्रसन्नाक्ष्यै नमः ॥ 100 ॥


ॐ नारायणसमाश्रितायै नमः ॥
ॐ दारिद्र्यध्वंसिन्यै नमः ॥
ॐ देव्यै नमः ॥
ॐ सर्वोपद्रव वारिण्यै नमः ॥
ॐ नवदुर्गायै नमः ॥
ॐ महाकाल्यै नमः ॥
ॐ ब्रह्माविष्णुशिवात्मिकायै नमः ॥
ॐ त्रिकालज्ञानसंपन्नायै नमः ॥ 108 ॥
ॐ भुवनेश्वर्यै नमः ॥ 109 ॥


॥ इति श्रीलक्ष्मीष्टोत्तरशतनामावलिः सम्पूर्णा ॥


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