Pearl Stone: अगर किसी जातक की कुंडली में कोई ग्रह दोष हो तो उससे जुड़े रत्न को धारण करके उस दोष को दूर किया जा सकता है. ग्रहों का शुभ प्रभाव बढ़ाने व अशुभ प्रभाव को दूर या कम करने के लिए रत्न का उपयोग किया जाता है. इसी तरह एक रत्न है मोती जिसको ज्योतिष शास्त्र में एक महत्वपूर्ण रत्न के रूप में देखा जाता है. इस रत्न का सीधा संबंध चंद्रमा से है. चंद्रमा अशुभ या कमजोर होने पर मोती धारण करने के बारे में बताया जाता है. आइए इस बारे में विस्तार से जानें. 


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मोती धारण करने के लाभ
चंद्रमा मस्तिष्क और मन पर अपने सबसे अधिक प्रभाव डालता है, ऐसे में मन को शांत व दिमाग को अगर स्थिर करना है तो मोती धारण करने के बारे में बताया जाता है. ज्यादा गुस्सा या डिप्रेशन के शिकार लोग मोती पहन सकते हैं. कर्क और सिंह राशि के जातक अगर इसे धारण करें तो विशेष लाभ होता है.


मां लक्ष्मी की कृपा 
मां लक्ष्मी को मोती अति प्रिय है. माता की विशेष कृपा पाने के लिए, जीवन में धन संबंधी परेशानी दूर करने के लिए व्यक्ति को मोती धारण करने की सलाह दी जाती है. हालांकि, राशि और कुंडली की गणना के बाद ही इसे धारण करना चाहिए.


मोती धारण करने का तरीका
मोती धारण करने के लिए चांदी की अंगूठी अच्छा होता है. मोती चंद्रमां से संबंधित है, ऐसे में इसे सोमवार के दिन सुबह के समय धारण करना सही होता है. हाथ की सबसे छोटी अंगुली में मोती जड़ित अंगूठी को धारण करना चाहिए. इसे पूर्णिमा के दिन भी धारण करने की सलाह दी जाती है. इससे पहले इसे गंगाजल से धोएं और फिर शिवजी को अर्पित करें तब इसे पहनें. 


मोतियों की माला
वहीं अगर गोल मोती की माला धारण करना है तो इसके लिए पहले जन्म कुंडली में चंद्रमा की स्थिति को जरूर देख लें. शुभ और मजबूत स्थिति में अगर चंद्रमा है तो आपको मोती धारण करने की कतई आवश्यकता नहीं है.


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