Krishna Janmashtami 2024 : इस बार 26 अगस्‍त को श्रीकृष्‍ण जन्‍माष्‍टमी मनाई जाएगी. यूपी के सीएम योगी आदित्‍यनाथ ने भी सभी रिजर्व पुलिस लाइंस, पुलिस थानों और जेलों में श्रीकृष्‍ण जन्‍माष्‍टमी मनाने के निर्देश दिए हैं. क्‍या आपको पता है कि आखिर हर पुलिस थानों और जेल में कृष्‍ण जन्‍मोत्‍सव क्‍यों मनाया जाता है?. तो आइये जानते हैं इसके पीछे की कहानी. 


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यह है कहानी  
दरअसल, द्वापर युग में कंस को भविष्‍यवाणी हुई कि तुम्‍हारी मौत का कारण तुम्‍हारी बहन देवकी और वासुदेव का पुत्र होगा. इसके बाद कंस ने अपनी बहन देवकी और वासुदेव को जेल में डलवा दिया. ऐसे में देवकी और वासुदेव के जिसनी संतानें होती कंस उसे मरवा देता. लेकिन जब भगवान श्रीकृष्ण का जन्म हुआ तो ऐसा चमत्कार हुआ की जेल के सभी ताले टूट गए, दरवाजे अपने आप खुल गए. इतना ही नहीं जितने भी संतरी या सिपाही, द्वारपाल पहरे पर लगे थे सभी गहरी नींद में सो गए.वासुदेव श्रीकृष्‍ण को लेकर वृंदावन आ गए. 


पुलिस वाले करते हैं प्रार्थना 
यहां वासुदेव ने नंद बाबा यशोदा को श्रीकृष्‍ण को सौंप दिया ताकि कंस को श्रीकृष्‍ण के बारे में पता न चले. श्रीकृष्ण के इस माया की वजह से ही पुलिस थानों में हर साल धूमधाम से जन्माष्टमी मनाई जाती है. परंपरा है कि इस दिन जन्माष्टमी मना कर सभी पुलिस वाले भगवान श्रीकृष्ण से प्रार्थना करते हैं कि उनके साथ इस तरह कभी कोई घटना घटित न हो जाए. 


देवकी और वासुदेव के 8वीं संतान थे श्रीकृष्‍ण 
कहा जाता है कि कंस ने देवकी के सात बालकों को मरवा दिया था. आठवीं बार श्रीकृष्ण का जन्म हुआ. उनका जन्म भी जेल में ही हुआ और यही वजह है कि आज भी देशभर के जेलों में इस दिन को बड़े खास तरीके से मनाया जाता है. इस दिन जेलों में बंद कैदियों के लिए खास उत्‍सव का आयोजन किया जाता है. 



डिस्क्लेमर: यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है. zeeupuk इस जानकारी के लिए ज़िम्मेदारी का दावा नहीं करता है.


 



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