Aaj Ka Panchang 4 June 2024 : हिंदू कैलेंडर में पंचांग एक जरूरी हिस्सा होता है. यह महीने की तीस तिथियों और पांच अंगों (वार, योग, तिथि, नक्षत्र और करण) से मिलकर बनता है. दैनिक पंचांग में आपको शुभ समय, राहुकाल, सूर्योदय और सूर्यास्त का समय, तिथि, करण, नक्षत्र, सूर्य और चंद्र ग्रह की स्थिति, हिंदू माह और पहलू आदि के बारे में हर प्रकार की जानकारी प्रदान करता है. आइये जानते हैं 4June 2024 का पंचाग...


COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

 वार:मंगलवार


आज का पंचांग 4 जून 2024
हिन्दू मास एवं वर्ष: शक सम्वत- 1946 क्रोधी संवत्सर
विक्रम संवत: 2081
तिथि-त्रयोदशी: 10:01 पीएम तक उसके बाद चतुर्दशी


नक्षत्र भरणी: 10:35 पीएम तक उसके बाद कृत्तिका
 करण: गर और वणिज
 पक्ष: कृष्ण पक्ष
 योग: अतिगण्ड


सूर्य -सूर्य वृष राशि पर है


अभिजीत मुहूर्त: सुबह 11 बजकर 58 से दोपहर 12 बजकर 51 मिनट तक
अमृत काल: सायं 06 बजकर 04 मिनट से 07 बजकर 34 मिनट तक.


आज का शुभ मुहूर्त
अभिजीत मुहूर्त: 11:58 एएम से 12:51 पीएम
अमृत काल: 06:04 पीएम से 07:34 पीएम
ब्रह्म मुहूर्त: 04:09 एएम से 04:57 AM
विजय मुहूर्त: 02:10 एएम से 03:03 AM
गोधूलि मुहूर्त: 06:38 पीएम से 06:59 पीएम
निशिता काल: 11:34 पीएम से 12:16 AM,5 जून 2024


आज का अशुभ समय
राहु काल: 03:45 पीएम से 05:25 PM तक
कालवेला /अर्द्धयाम से 07:50:48 से 08:45:23 तक
दुष्टमुहूर्त: 12:23:32 से 13:18:05 तक, 15:07:11 से 16:01:44 तक
यमगण्ड: 08:31:44 से 10:14:05 तकभद्रा-10:01 पीएम से 05:07 एएम, जून 05
गुलिक: 11:56:26 से 13:38:47 तक
गंडमूल: नहीं है


आज सूर्योदय- सूर्यास्त का समय 
सूर्योदय: 5:44 एएम
सूर्यास्त: 7:05 पीएम


चंद्रोदय-चंद्रास्त का समय
चन्द्रोदय-3:32 एएम
चन्द्रास्त-5:05 पीएम


 


ग्रेगोरियन कैलेंडर के हिसाब से किसी महीने में 31 और किसी महीने में 1 दिन होते हैं. अगर हम हिंदू कैलेंडर की बात करें तो उसके हिसाब से हर माह में 1 दिन ही होते हैं, जिन्हें तिथि कहा जाता है. ये तिथियां दो पक्षों में होती हैं. इनमें से एक पक्ष को शुक्ल और एक पक्ष को कृष्ण कहा जाता है. ये 15-15 दिन के होते हैं. हिंदू कैलेंडर के हिसाब से इन तिथियों को प्रतिप्रदा, द्वितीया, तृतीया, चतुर्थी, पंचमी, षष्ठी, सप्तमी, अष्टमी, नवमी, दशमी, एकादशी, द्वादशी, त्रयोदशी और एक पक्ष की आखिरी तिथि को अमावस्या और दूसरे पक्ष की अंतिम तिथि को पूर्णिमा कहा जाता है. इन्हीं सब के आधार पर पंचांग बनता है. 


Disclaimer: इस लेख में दी गई जानकारी/सामग्री/गणना की प्रामाणिकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है.  सूचना के विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/धार्मिक मान्यताओं/धर्मग्रंथों से संकलित करके यह सूचना आप तक पहुंचाई गई हैं. हमारा उद्देश्य सिर्फ सूचना पहुंचाना है. इसके अतिरिक्त इसके किसी भी तरह से उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता या पाठक की ही होगी. ZEE UPUK इसकी जिम्मेदारी नहीं लेगा.