According To Vastu Shastra: प्राचीन समय में हर घर, मंदिर, भवन, बस्तियों और प्रत्येक शहर का निर्माण वास्तु शास्त्र के सिद्धांत के आधार पर ही होता था और यही वजह है कि तब लोग अधिक सुखी, संपन्न और खुशहाल थे. खुदाई में अनेक ऐसे चिन्ह या सबूत मिलते हैं जो वास्तु शास्त्र के महत्त्व और भी बढ़ा देते हैं. आज के समय में वास्तु के नियमों को ध्यान नहीं रखा यहां तक कि लोग घर में भी वास्तु के अनुसार वस्तुएं नहीं रखते और जीवन भर परेशान रहते हैं. वास्तु का असर घर में रहने वाले प्रत्येक सदस्य पर पड़ता है. इसलिए कई बार आपने देखा होगा कि एक परिवार के सभी सदस्य बीमार रहते हैं. ऐसे ही कुछ नियम घर की रसोई से भी जुड़े हैं. किचन में भूलकर भी ये वस्तुएं नहीं रखनी चाहिए.


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शीशा
वास्तु शास्त्र में शीशे का बहुत अधिक महत्त्व है. शीशा किस आकर में और कहाँ पर रखा हुआ है इसका हमारे जीवन पर प्रत्यक्ष असर पड़ता है. कुछ लोग किचन में भी शीशा लगा लेते हैंलेकिन किचन में भूल कर भी शीशा नहीं लगाना चाहिए. किचन में शीशा लगाना यानी नकारात्मक शक्तियों को दावत देना है. ये नकारत्मक शक्तियां हमारी तरक्की रोक देती हैं और घर से सुख शांति का गायब हो जाती है. 


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झाड़ू 
ज्योतिष शास्त्र और वास्तु शास्त्र में झाड़ू का बेहद महत्त्व है. झाड़ू को किचन में रखना अशुभ माना जाता है. इससे माता लक्ष्मी नाराज होती ही. रसोई में साफ-सफाई जरूर रखें, लेकिन झाड़ू कभी भी रसोई में न रखें. झाड़ू को घर में किसी गुप्त स्थान पर रखना चाहिये जहाँ किसी की नजर न पड़े. जहां पर भोजन बनता हो वहां पर कभी भी झाड़ू नहीं रखना चाहिए.


टूटे फूटे बर्तन 
घर में टूटे फूटे बर्तन रखना, उनमे खाना खाना या बनाना दोनों ही चीजें बहुत खराब मानी जाती हैं. कई बार बर्तन धोते समय या भोजन करने के दौरान बर्तन टूट जाता है या उनमें दरार पड़ जाती है. ऐसे बर्तन रसोई में भी न रखें. टूटने के बाद बर्तन का कोई उपयोग न करें.


Disclaimer: यहां दी गई सभी जानकारियां धार्मिक आस्था और लोक मान्यताओं पर आधारित हैं. Zeeupuk इस बारे में किसी तरह की कोई पुष्टि नहीं करता है. इसे सामान्य जनरुचि को ध्यान में रखकर यहां प्रस्तुत किया गया है.