Bhishma Ashtami Kab Hai: इस महीने भीष्म अष्टमी मनाई जाएगी. अगर जातक भीष्म अष्टमी के दिन पितृ से जुड़े कुछ उपाय कर लेते हैं तो संतान सुख की प्राप्ति होती है. शास्त्रों के अनुसार, इस दिन भीष्म पितामह ने अपने शरीर का त्याग कर दिया था इसलिए इस दिन को भीमाष्टमी के नाम से जाना जाता है. इस तिथि को भीष्म पितामह तर्पण दिवस के रूप में भी जाना जाता है.


COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

माघ का महीना चल रहा है और माघ का महीना पितृ को समर्पित रहता है. इसी माह  भीष्म अष्टमी भी मनाई जाएगी. अगर जातक भीष्म अष्टमी के दिन पितृ से जुड़े कुछ उपाय कर लेते हैं तो संतान सुख की मिलता है. आइए  जानते हैं कि इस दिन क्या उपाय करने चाहिए?


ज्योतिषों के मुताबिक, 17 फरवरी को माघ महीने की गुप्त नवरात्रि को अष्टमी तिथि है. गुप्त नवरात्रि की अष्टमी तिथि को भीष्म अष्टमी है और दिन शनिवार है. ये अदूभुत संयोग है. भीष्ममाष्टमी के दिन अगर भीष्म के नाम से तर्पण करें तो पुत्र प्राप्ति की मनोकामनाएं पूरी हो जाती है.


Kumbh Sankranti 2024: 2024 में कब है कुंभ संक्रांति? सूर्य देव की कृपा पाने के लिए इस शुभ मुहूर्त में करें पूजा


कब शुरू हो रही अष्ट्मी तिथी
भीष्म अष्टमी का व्रत- 17 फरवरी को रखा जाएगा
माघ महीने के शुक्ल पक्ष अष्टमी तिथि की शुरुआत- 16 फरवरी  सुबह 11 बजकर 21 मिनट से शुरु 
शुक्ल पक्ष अष्टमी तिथि का समापन- 17 फरवरी को दोपहर 02 बजकर 27 मिनट पर


पितृ दोष हो सकता है बाधा, करें ये उपाय
आपके घर में पुत्र नहीं हो रहा तो इसका एक कारण पितृ दोष भी होता है. भीष्म अष्टमी के दिन पितृ दोष को दूर कर सकते हैं. इसके लिए भीष्म अष्टमी के दिन भीष्म के नाम से तर्पण करें. इस दिन दोपहर के बाद पितरों का भी तर्पण करना चाहिए और भीष्म अष्टमी का संकल्प लेकर पितरों की पूजा करनी चाहिए. अपने भूल की क्षमा मांगनी चाहिए, ऐसा करने से पितृ दोष दूर हो जाएंगे और उनका आशीर्वाद  मिलेगा.


Disclaimer: यहां दी गई सभी जानकारियां धार्मिक आस्था और लोक मान्यताओं पर आधारित हैं. Zeeupuk इस बारे में किसी तरह की कोई पुष्टि नहीं करता है. इसे सामान्य जनरुचि को ध्यान में रखकर यहां प्रस्तुत किया गया है.


Ratha Saptami 2024: कब है रथ सप्तमी? जानें अचला सप्तमी के दिन का शुभ मुहूर्त और पूजा विधि