Kumbh Sankranti 2024: 2024 में कब है कुंभ संक्रांति? सूर्य देव की कृपा पाने के लिए इस शुभ मुहूर्त में करें पूजा
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Kumbh Sankranti 2024: 2024 में कब है कुंभ संक्रांति? सूर्य देव की कृपा पाने के लिए इस शुभ मुहूर्त में करें पूजा

Kumbh Sankranti 2024: माघ मास में कुंभ संक्रांति मनाई जाती है इस दौरान पूजा-पाठ, यम, सूर्य पूजा करने मात्र से ही व्यक्ति को सुख-सौभाग्य, ब्रह्म लोक की प्राप्ति होती है.  मकर संक्रांति के बाद कुंभ संक्रांति मनाई जाती है. इस साल कुंभ संक्रांति कब है और जानते हैं इसकी पूजा विधि के बारे में.

प्रतीकात्मक फोटो

Kumbh Sankranti 2024: वर्तमान समय में सूर्य देव मकर राशि में विराजमान हैं और माघ माह में राशि परिवर्तन करेंगे. सूर्यदेव जब भी किसी राशि में प्रवेश करते हैं, तो उसे संक्रांति कहते हैं.  वहीं फरवरी में जिस क्षण सूर्य कुंभ राशि में प्रवेश करेंगे.  उस समय कुंभ संक्रांति होगी.  इस दिन पवित्र नदी में स्नान करने का विशेष महत्व है. ऐसी धार्मिक मान्यता है कि संक्रांति तिथि पर सूर्य उपासना और दान-पुण्य करने से व्यक्ति को आरोग्य जीवन का वरदान प्राप्त होता है. आइए जानते हैं कुंभ संक्रांति 2024 की डेट, शुभ मुहूर्त, महत्व और पूजा विधि.

 हिन्दू धर्म में सूर्यदेव की पूजा का बड़ा महत्व बताया गया है. वहीं कई खास मौकों पर भी भगवान सूर्य की विधि विधान से पूजा और आराधना की जाती है. संक्रांति इनमें महत्वपूर्ण है. यह कई तिथियों में अलग-अलग होती है. 13 फरवरी को कुंभ संक्रांति है.

कब है कुंभ संक्रांति 2024 
पंचांग के अनुसार कुंभ संक्रांति 13 फरवरी 2024 को मनाई जाएगी. इस दिन सूर्य दोपहर 03 बजकर 54 मिनट पर कुंभ राशि में प्रवेश करेंगे. ज्योतिष शास्त्र के अनुसार कुंभ संक्रांति के दिन काले तिल का दान करना बेहद शुभ माना गया है.

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कुंभ संक्रांति 2024 शुभ मुहूर्त 
कुंभ संक्रान्ति पुण्य काल: सुबह 09 बजकर 57 मिनट से दोपहर 03 बजकर 54 मिनट तक.
कुंभ संक्रान्ति महा पुण्य काल: दोपहर 02 बजकर 02 मिनट से दोपहर 03 बजकर 54 मिनट तक.

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कुंभ संक्रांति पूजा विधि 
कुंभ संक्रांति के दिन ब्रह्म मुहूर्त में उठकर गंगा स्नान करें. गंगा घाट न जा सके तो घर पर नहाने के पानी में गंगाजल की कुछ बूंदें डाल लें. स्नान के बाद पानी में गंगा जल और तिल मिलाकर भगवान सूर्य को अर्घ्य दें. फिर इसके बाद मंदिर में धूप दीप जलाएं. भगवान सूर्य के 108 नामों का जाप करें. सूर्य चालीसा का पाठ करें.
कुंभ संक्रांति पर गेहूं, गुड़, लाल फूल, लाल वस्त्र, तांबा, तिल आदि का दान अपनी सामर्थ्य के अनुसार कर सकते हैं.

कुंभ संक्रांति का महत्व 
पूर्णिमा, अमावस्या और एकादशी का जितना महत्व है उतना ही महत्व संक्रांति तिथि का भी होता है.  कुंभ संक्रांति पर्व के दिन स्नान-दान करने से व्यक्ति को अक्षय पुण्य की प्राप्ति होती है और कई प्रकार के दोष भी दूर हो जाते हैं. आपकी राशि में सूर्य के मजबूत होने से करियर में तरक्की मिलती है, पिता का प्यार और सहयोग प्राप्त होता है. इस वर्ष कुंभ संक्रांति पर मंगलवार के दिन होगी, जिस वजह से साधकों को हनुमान जी की उपासना का भी फल भी मिलेगा.

Disclaimer: यहां दी गई सभी जानकारियां धार्मिक आस्था और लोक मान्यताओं पर आधारित हैं. Zeeupuk इस बारे में किसी तरह की कोई पुष्टि नहीं करता है. इसे सामान्य जनरुचि को ध्यान में रखकर यहां प्रस्तुत किया गया है.

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