Chandra Dosha effect: ज्योतिष शास्त्र में 9 प्रमुख ग्रह माने गए हैं. इन्हीं ग्रहों की स्थिति के मुताबिक कुडली का निर्माण किया जाता है. कुंडली में हर ग्रह का अपना अलग-अलग महत्व होता है. शुभ ग्रह जहां व्यक्ति के लिए लाभदायक साबित होते है तो वहीं अशुभ ग्रह के प्रभाव से जीवन में कई तरह की मुश्किलें आती हैं. व्यक्ति की कुंडली में चंद्र दोष (Chandra Dosh) होने पर व्यक्ति का मन अशांत रहता है और उसे मानसिक पीड़ा होती है. ज्योतिष के मुताबिक कुंडली का चंद्रमा जातक की मानसिक स्थिति को दर्शाता है. ज्योतिष में कुछ उपाय और मंत्र बताए गए हैं जिनको करने से जीवन में आईं परेशानियां कम होती जाती हैं. 


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ऐसे में कुंडली में चंद्रमा को मजबूत करने के लिए चंद्रमा कवच के साथ कुछ मंत्रों का जाप करना चाहिए. ऐसा करने से व्यक्ति का चंद्रमा मजबूत होता है और मन शांत हो जाता है. धर्म शास्त्रों में कहा गया है कि चंद्रमा कवच का पाठ करने और मंत्रों का जाप करना चाहिए. ये जाप और मंत्र वैसे तो सोमवार के दिन करना चाहिए, लेकिन इसे नियमित रूप से भी कर सकते हैं.


चंद्रमा का शुभ और अशुभ प्रभाव
ज्योतिष के अनुसार चंद्रमा को मन का कारक माना जाता है. अगर कुंडली का चंद्रमा शुभ ग्रह और शुभ स्थिति में है तो व्यक्ति की मानसिक शक्ति और उसका संतुलन अच्छा रहता है. वहीं अगर कुंडली का चंद्रमा दूषित है या जातक चंद्र दोष से प्रभावित है तो अनेक प्रकार की मानसिक परेशानियों का सामना करना पड़ता है. ऐसे में ज्योतिष शास्त्र के अनुसार जानते हैं कि चंद्र दोष का क्या प्रभाव होता है और उसके उपाय कौन-कौन से हैं. चंद्र कवच का पाठ करने से व्यक्ति की शारीरिक और मानसिक स्थिति बदल जाती है और उसका जीवन सुखमय हो जाता है. यहां पर हम आपको चंद्र कवच दे रहे हैं जिसको आप पढ़ सकते हैं.


यहां पढ़िए चंद्र कवच


श्री चंद्र कवच


श्रीचंद्रकवचस्तोत्रमंत्रस्य गौतम ऋषिः । अनुष्टुप् छंदः।


चंद्रो देवता। चन्द्रप्रीत्यर्थं जपे विनियोगः ।


समं चतुर्भुजं वन्दे केयूरमुकुटोज्ज्वलम् ।


वासुदेवस्य नयनं शंकरस्य च भूषणम् ॥ 1॥


एवं ध्यात्वा जपेन्नित्यं शशिनः कवचं शुभम् ।


शशी पातु शिरोदेशं भालं पातु कलानिधिः ॥ 2 ॥


चक्षुषी चन्द्रमाः पातु श्रुती पातु निशापतिः ।


प्राणं क्षपाकरः पातु मुखं कुमुदबांधवः ॥3॥


पातु कण्ठं च मे सोमः स्कंधौ जैवा तृकस्तथा ।


करौ सुधाकरः पातु वक्षः पातु निशाकरः ॥ 4॥


हृदयं पातु मे चंद्रो नाभिं शंकरभूषणः ।


मध्यं पातु सुरश्रेष्ठः कटिं पातु सुधाकरः ॥5 ॥


ऊरू तारापतिः पातु मृगांको जानुनी सदा


अब्धिजः पातु मे जंघे पातु पादौ विधुः सदा ॥ 6 ॥


सर्वाण्यन्यानि चांगानि पातु चन्द्रोSखिलं वपुः ।


एतद्धि कवचं दिव्यं भुक्ति मुक्ति प्रदायकम् ॥


यः पठेच्छरुणुयाद्वापि सर्वत्र विजयी भवेत् ॥7 ॥


॥ इति श्रीब्रह्मयामले चंद्रकवचं संपूर्णम् ॥


कुंडली में चंद्र ग्रह होने से होती है ये गंभीर बीमारियां
यदि किसी जातक की कुंडली में चंद्र दोष है तो उसे कई परेशानी हो सकती है जैसे दिल ,फेफड़े की बीमारी,  मिर्गी रोग, सर्दी-जुकाम, मानसिक तनाव, स्मरण शक्ति कमजोर होना और बैचेनी आदि बीमारियां आपको जकड़ सकती हैं.


चंद्र दोष दूर करने के उपाय 
कुंडली से चंद्र दोष दूर करने के लिए ज्योतिष शास्त्र के अनुसार रोज भगवान शिव को जल अर्पित करें. ऐसा  करने से धीरे-धीरे चंद्र दोष दूर होने लगता है. ज्योतिष के अनुसार सोमवार के दिन व्रत रखने और शिव जी की पूजा-अर्चना करने से चंद्र ग्रह का शुभ फल मिलता है. चंद्रमा को मजबूत करने के लिए किसी अच्छे ज्योतिषी की सलाह लेकर चांदी में मोती जड़वा लें और हाथ की सबसे छोटी उगली में धारण करें. ऐसा माना जाता है कि इससे चंद्र दोष दूर हो जाता है. 


Disclaimer: इस लेख में दी गई जानकारी/सामग्री/गणना की प्रामाणिकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है. सूचना के विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/धार्मिक मान्यताओं/धर्मग्रंथों से संकलित करके यह सूचना आप तक पहुंचाई गई हैं. हमारा उद्देश्य सिर्फ सूचना पहुंचाना है. इसके अतिरिक्त इसके किसी भी तरह से उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता या पाठक की ही होगी. ZEE UPUK इसकी जिम्मेदारी नहीं लेगा. 


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