Janmashtami 2023: राम नगरी अयोध्या में भी कृष्ण जन्माष्टमी को लेकर खास तैयारियां की गई हैं. मथुरा की तरह अयोध्या के राम मंदिर में भी इस उत्सव को बेहद धूमधाम के साथ मनाया जा रहा है. राम जन्मभूमि परिसर में भी इस साल कृष्ण जन्माष्टमी का खास स्वरूप दिखाई देगा. श्री कृष्ण जन्माष्टमी, 7 सितंबर को राम मंदिर में  भव्य आयोजन होगा. रात 12:00 बजे 1 घंटे के लिए राम जन्मभूमि परिसर का मंदिर  खोला जाएगा. 


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रामनगरी में कान्हा के जन्मोत्सव की धूम
रामनगरी अयोध्या में श्रीकृष्ण जन्माष्टमी की तैयारियां जोरों पर हैं.  मर्यादा पुरुषोतम भगवान राम की नगरी में भी भगवान श्री कृष्ण जन्मोत्सव बड़े ही धूमधाम से मनाया जाएगा. राम मंदिर में इस दिन भगवान कृष्ण का प्रतीकात्मक अवतार होगा. डेढ़ कुंटल पंजीरी, एक कुंटल पंचामृत के साथ मिष्ठान और फलों का भोग लगेगा. रामलला के मुख्य पुजारी आचार्य सत्येंद्र दास ने कहा कि कान्हा के जन्म के बाद भव्य आरती उतारी जाएगी. 


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कान्हा की नगरी मथुरा में जन्माष्टमी मनाने की तैयारी की जा रही हैं तो वहीं रामनगरी अयोध्या में तैयारियां जोरों पर हैं. राम जन्मभूमि परिसर के अलावा अयोध्या में कई स्थानों पर भव्य पंडाल में आकर्षक झांकियां भी सजाई जा रही हैं. बता दें कि पंचाग के मुताबिक इस बार श्रीकृष्ण जन्माष्टमी दो दिन मनाई जा रही है.


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क्या कहता है ज्योतिष?
ज्योतिष के मुताबिक इस साल भाद्रपद कृष्णपक्ष की अष्टमी तिथि 6 सितंबर को दिन में 3:38 बजे लगेगी, जो कि 7 सितंबर की शाम 4:15 बजे तक रहेगी. वहीं रोहिणी नक्षत्र का प्रभाव 6 सितंबर को दिन में 9:20 बजे से आरंभ होगा और 7 सितंबर को दिन में 10:25 बजे तक रहेगा.  इसलिए बुधवार का दिन, अर्द्धरात्रि की अष्टमी तिथि, रोहिणी नक्षत्र, वृष राशि के चन्द्रमा के फलस्वरूप जयंती योग बताया जा रहा है. 


डेढ़ कुंटल पंजीरी, 1 कुंटल पंचामृत से भोग
अयोध्या के मंदिरों में भगवान श्री कृष्ण जन्माष्टमी पर रंग बिरंगी लाइटों और फूलों से झांकियों को सजाया जाएगा. कई जगहों पर सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन भी किया जाएगा. राम जन्मभूमि के पुजारी आचार्य सतेन्द्र दास  ने बताया कि इस बार राम जन्मभूमि परिसर में भी 7 सितंबर को ही रात 12:00 बजे कृष्ण जन्माष्टमी मनाई जाएगी. उन्होंने कहा कि यह वर्ष सिर्फ एक बार ऐसा होता है कि जब भगवान राम लाल का दरबार देर रात 12:00 बजे भी खोल जाता है. श्री कृष्ण का प्रतीकात्मक जन्मोत्सव मनाया जाएगा.  इस दौरान डेढ़ कुंटल पंजीरी और एक कुंटल पंचामृत के साथ फल और मिठाई का भोग लगाया जाएगा. 


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