Somwati Amavasya 2024: साल की पहली सोमवती अमावस्या पर 5 घंटे लंबा सूर्यग्रहण, जानें कब कैसे करें स्नान दान
Somwati Amavasya 2024: सोमवती अमावस्या के दिन पितरों का तर्पण कर अपने कष्टों से मुक्ति के लिए प्रार्थना की जाती है. इस दिन भगवान शिव और माता पार्वती की पूजा का खास महत्व है. सूर्य ग्रहण पड़ रहा है तो आज का दिन और भी खास हो जाता है.
Somwati Amavasya 2024: वैदिक पंचांग के अनुसार आज सोमवती अमावस्या है. धार्मिक ग्रंथों में इसका विशेष महत्व है. सोमवार के दिन ज्योतिष और धार्मिक दृष्टि से काफी विशेष है. आज साल का पहला पूर्ण सूर्य ग्रहण (Surya Grahan 2024) लग रहा है. आज अमावस्या (Chaitra Amavasya 2024) भी है. पंचांग के अनुसार अभी चैत्र महीना चल रहा है और इस माह की अमावस्या को सोमवती अमावस्या कहा जाता है. सोमवती अमावस्या तिथि पर दुर्लभ इंद्र योग और सूर्य ग्रहण का संयोग बन रहा है. इस साल की सोमवती अमावस्या पर सूर्य ग्रहण का साया है इसलिए ये खास है. साल का पहला सूर्य ग्रहण चंद्र ग्रहण की तरह भारत में नहीं दिखेगा.
कब तक रहेगी अमावस्या तिथि
अमावस्या तिथि आज रात 11 बजकर 51 मिनट तक रहेगी.
शाम 6 बजकर 13 मिनट तक इंद्र योग
आज सुबह 10 बजकर 12 मिनट तक उत्तरा भाद्रपद नक्षत्र, उसके बाद रेवती नक्षत्र लग जाएगा.
सोमवती अमावस्या और सूर्य ग्रहण
8 अप्रैल को लगने वाला सूर्य ग्रहण भारत में नहीं दिखेगा. इस कारण से सोमवती अमावस्या का स्नान-दान आप शुभ मुहूर्त में कर सकते हैं.
स्नान-दान का मुहूर्त सुबह-4 बजकर 32 मिनट से लेकर सुबह 05 बजकर 18 मिनट तक
पूजा करने का शुभ समय-सुबह 9 बजकर 13 मिनट से लेकर सुबह 10 बजकर 48 मिनट तक.
पवित्र नदियों में स्नान
सोमवती अमावस्या पर पवित्र नदियों में स्नान करना शुभ माना जाता है. अगर आप किसी पवित्र नदी में नहीं जा सकते हैं तो घर पर ही गंगाजल का प्रयोग कर सकते हैं. इसके अलावा सूर्योदय से पहले स्नान करना अच्छा माना जाता है और भगवान विष्णु की कृपा व्यक्ति पर बनी रहती है.
हरिद्वार में सोमवती अमावस्या स्नान के मौके पर श्रद्धालुओं की भीड़
सोमवती अमावस्या पर गंगा स्नान का खास महत्व है. धर्मनगरी हरिद्वार में सोमवती अमावस्या स्नान के मौके पर श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ रही है. दूर-दूर से श्रद्धालु हर की पैड़ी पर आस्था की डुबकी लगाने के लिए पहुंच रहे हैं. सुबह 4 बजे से गंगा स्नान करने वालों की भीड़ हर की पैड़ी पर जुटनी शुरू हो गई. पुलिस प्रशासन की ओर से सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए गए हैं. मेला क्षेत्र को 16 जोन और 39 सेक्टर में बांटा गया है. ट्रैफिक जाम से बचने के लिए रूट डायवर्ट प्लान लागू किया गया है. इसके साथ ही शहर में भारी वाहनों के प्रवेश पर भी रोक लगाई गई है. शाम तक हर की पैड़ी पर लाखों श्रद्धालुओं के पहुंचने का अनुमान है.
सोमवती अमावस्या पूजन विधि
सोमवती अमावस्या के दिन किसी पवित्र नदी, तालाब या कुंड में स्नान करें और सूर्य देव को अर्घ्य दें. किसी नदी में स्नान करना संभव नहीं है तो घर में नहाने के पानी में गंगाजल मिला कर नहाएं. अब स्वच्छ वस्त्र धारण करें. गायत्री मंत्र का पाठ करें और भगवान शिव की पूजा करें. भगवान शिव और माता पार्वती की पूजा के बाद उनसे अपने घर की सुख समृद्धि की कामना करें. अब उनके सामने देसी घी का दीपक जलाएं और आरती करें. पूजा-पाठ के बाद किसी जरूरतमंद को भोजन और वस्त्र का दान करें. इस दिन देवी लक्ष्मी की पूजा करना शुभ माना जाता है.
पितरों का तर्पण
पितरों का तर्पण करते हुए उनके मोक्ष की कामना करें. सोमवती अमावस्या के दिन सुहागिन स्त्रियां पीपल की पूजा करती हैं. सोमवती अमावस्या के दिन भगवान शिव की विशेष पूजा अर्चना करके कमजोर चंद्रमा को बलवान किया जा सकता है.
Disclaimer: यहां दी गई सभी जानकारियां धार्मिक आस्था और लोक मान्यताओं पर आधारित हैं. Zeeupuk इस बारे में किसी तरह की कोई पुष्टि नहीं करता है. इसे सामान्य जनरुचि को ध्यान में रखकर यहां प्रस्तुत किया गया है.
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