Mangla Gauri Vrat 2024: सावन माह के हर मंगलवार को मां मंगला गौरी की पूजा की जाती है. इस पवित्र दिन पर महिलाएं माता की विशेष पूजा-अर्चना तो करती ही है साथ ही कठिन व्रत का संकल्प भी करती हैं. इस व्रत को करने से घर में और जीवन में समृद्धि आती है. सौभाग्य की प्राप्ति होती है और शुभता बनी रहती है. इस बार सावन तीसरा मंगला गौरी व्रत 6 अगस्त, 2024 को है. इस शुभ दिन पर पूजा सफल हो इसके लिए कुछ मंत्रों का जाप करना सही होता है. पूजा में किसी भी प्रकार का विघ्न न पड़े इसके लिए पूजा की तैयारी भी कर लेनी चाहिए. आइए पूजा से (Mangala Gauri Vrat 2024) जुड़ी कुछ महत्वपूर्ण बातों के बारे में जानते हैं -


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मंगला गौरी व्रत के दिन क्या क्या करें और कैसे अनुष्ठान की तैयारी करें? 
मंगलवार की सुबह जल्दी उठें पानी में गंगाजल डालकर स्नान करें.
एक वेदी पर लाल कपड़ा बिछाकर मां गौरी की प्रतिमा स्थापित करें. और गंगाजल से अभिषेक भी कर लें. 
गेहूं के आटे का एक दीया बनाए जिसमें आपको 16 बत्तियां देसी घी लगाकर रख देना है. इसके बाद प्रतिमा के सामने इस दीए को जलाएं. 
सोलह शृंगार की सामग्री पूरे मन से देवी माता को अर्पित करें. कमल के फूलों की माला भी माता को अर्पित करें, सिंदूर चढ़ाएं. 
मां गौरी को समर्पित मंत्रों का जाप भी करें और 16 की संख्या में सभी चीजें अर्पित करते जाएं, जैस- 16 शृंगार, 16 लड्डू, 16 लौंग आदि. 
इसके बाग मंगला गौरी कथा का पाठ करके आरती के साथ ही पूजा का समापन करें. भूल के लिए क्षमायाचना करें और माता का आशीर्वाद लें.


सामग्री
इस उपवास में फल, दीया, देसी घी
सोलह शृंगार का सामान, मिठाई
कपास, पान, सुपारी, इलायची
लौंग, फूल और पंचमेवा, बाती
धूप, माचिस, लाल वस्त्र, फल
आसन, देवी की प्रतिमा, गंगाजल
शुद्ध जल, घर पर बना भोग आदि
भोग - गुड़ की खीर, पंचमेवा, हलवा पूरी आदि.


मंगला गौरी व्रत पूजन के समय इस मंत्र का जाप कर सकते हैं.
पहला मंत्र

श्वेते वृषे समरूढा श्वेताम्बराधरा शुचिः।
महागौरी शुभं दद्यान्महादेवप्रमोददा।।


दूसरा मंत्र
या देवी सर्वभू‍तेषु मां गौरी रूपेण संस्थिता।
नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नम:।।


Disclaimer: यहां दी गई सभी जानकारियां धार्मिक आस्था और लोक मान्यताओं पर आधारित हैं. Zeeupuk इस बारे में किसी तरह की कोई पुष्टि नहीं करता है. इसे सामान्य जनरुचि को ध्यान में रखकर यहां प्रस्तुत किया गया है.


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