Hanuman Jayanti 2023: इस दिन घरों में हनुमानजी का भोग लगाकर विशेष पूजा की जाती है. साथ ही हनुमान जयंती के दिन बजरंगबली के अलग-अलग रूपों की पूजा होती है.
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Hanuman Jayanti 2023: कार्तिक मास की कृष्ण चतुर्दशी को भी हनुमान जयंती मनाई जाती है. इस दिन घरों में हनुमानजी का भोग लगाकर विशेष पूजा की जाती है. साथ ही हनुमान जयंती के दिन बजरंगबली के अलग-अलग रूपों की पूजा होती है. धार्मिक मान्यता है कि इस दिन हनुमान जी के 108 नामों का जाप करने से भय, कष्ट, दरिद्रता दूर होते हैं. बजरंगबली का सबसे प्रसिद्ध नाम हनुमान है लेकिन उनके 12 और नाम हैं. तो आइये जानते हैं हनुमान जी के 12 नाम.
मारुति
हनुमानजी का बचपन का मारुति नाम है. यह उनका असली नाम भी माना जाता है.
अंजनी पुत्र
हनुमान जी की माता का नाम अंजना था. इसीलिए उन्हें अंजनी पुत्र या आंजनेय भी कहा जाता है.
केसरीनंदन
हनुमानजी के पिता का नाम केसरी था इसीलिए उन्हें केसरीनंदन भी कहा जाता है.
हनुमान
जब बालपन में मारुति ने सूर्य को अपने मुंह में भर लिया था तो इंद्र ने क्रोधित होकर बाल हनुमान पर अपने वज्र से वार किया. वह वज्र जाकर मारुति की हनु यानी कि ठोड़ी पर लगा. इससे उनकी ठोड़ी टूट गई इसीलिए उन्हें हनुमान कहा जाने लगा.
पवन पुत्र
उन्हें वायु देवता का पुत्र भी माना जाता है, इसीलिए इनका नाम पवन पुत्र हुआ. उस काल में वायु को मारुत भी कहा जाता था. मारुत अर्थात वायु, इसलिए उन्हें मारुति नंदन भी कहा जाता है. वैसे उनमें पवन के वेग के समान उड़ने की शक्ति होने के कारण भी यह नाम दिया गया.
शंकरसुवन
हनुमाजी को शंकर सुवन अर्थात उनका पुत्र भी माना जाता है क्योंकि वे रुद्रावतार थे.
बजरंगबली
वज्र को धारण करने वाले और वज्र के समान कठोर अर्थात बलवान शरीर होने के कारण उन्हें वज्रांगबली कहा जाने लगा.
कपिश्रेष्ठ
हनुमानजी का जन्म कपि नामक वानर जाति में हुआ था. रामायणादि ग्रंथों में हनुमानजी और उनके सजातीय बांधव सुग्रीव अंगदादि के नाम के साथ 'वानर, कपि, शाखामृग, प्लवंगम' आदि विशेषण प्रयुक्त किए गए. उनकी पुच्छ, लांगूल, बाल्धी और लाम से लंकादहन इसका प्रमाण है कि वे वानर थे.
वानर यूथपति
हनुमानजी को वानर यूथपति भी कहा जाता था. वानर सेना में हर झूंड का एक सेनापति होता था जिसे यूथपति कहा जाता था. अंगद, दधिमुख, मैन्द- द्विविद, नल, नील और केसरी आदि कई यूथपति थे.
रामदूत
प्रभु श्रीराम का हर काम करने वाले दूत.
पंचमुखी हनुमान
पातल लोक में अहिरावण का वध करने जब वे गए तो वहां पांच दीपक उन्हें पांच जगह पर पांच दिशाओं में मिले जिसे अहिरावण ने मां भवानी के लिए जलाए थे. इन पांचों दीपक को एक साथ बुझाने पर अहिरावन का वध हो जाएगा इसी कारण हनुमान जी ने पंचमुखी रूप धरा.
ये हैं हनुमानजी के 12 चमत्कारिक नाम
- हनुमान हैं (टूटी हनु)
- फाल्गुनसख (अर्जुन के मित्र)'
- पिंगाक्ष (भूरे नेत्र वाले)
- अमितविक्रम, ( वीरता की साक्षात मूर्ति)
- उदधिक्रमण (समुद्र को लांघने वाले)
- सीताशोकविनाशन (सीताजी के शोक को नाश करने वाले)
- लक्ष्मणप्राणदाता (लक्ष्मण को संजीवनी बूटी द्वारा जीवित करने वाले)
- दशग्रीवदर्पहा (रावण के घमंड को चूर करने वाले)
- अंजनी सूत, (माता अंजनी के पुत्र)
- वायुपुत्र, (पवनदेव के पुत्र)
- महाबल, (एक हाथ से पहाड़ उठाने और एक छलांग में समुद्र पार करने वाले महाबली)
- रामेष्ट (राम जी के प्रिय)
Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं पर आधारित है. ZEE News इसकी पुष्टि नहीं करता है.
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