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Ashadha Vinayaka Chaturthi 2023: आषाढ़ विनायक चतुर्थी को बन रहा है शुभ योग, जानिए पूजा मुहूर्त और इस तिथि का महत्व

Ashadha Vinayaka Chaturthi 2023 Date: आषाढ़ की विनायक चतुर्थी का बहुत महत्व बताया गया है.  इस माह के शुक्ल पक्ष को पड़ने वाली चतुर्थी तिथि को इसे मनाया जाना है.

दो चतुर्थी

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दो चतुर्थी

कृष्ण और शुक्ल पक्ष दोनों की चतुर्थी पर व्रत रखे जाते हैं. कृष्ण पक्ष वाली तिथि को संकष्टी चतुर्थी तो वहीं शुक्ल पक्ष वाली तिथि को विनायक चतुर्थी के तौर पर जाना जाता है. दोनों ही चतुर्थी में गणपति की पूजा की जाती है. 

दोनों चतुर्थी में क्या फर्क है

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दोनों चतुर्थी में क्या फर्क है

फर्क ये होता है कि संकष्टी में चंद्रमा को अर्घ्य देना बताया गया है तो वहीं विनायक चतुर्थी वाली तिथि को चंद्रमा का दर्शन करना भी वर्जित है. 

आषाढ़ विनायक चतुर्थी 2023 कब से कब तक

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आषाढ़ विनायक चतुर्थी 2023 कब से कब तक

आषाढ़ के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी को 21 जून बुधवार को मनाया जाना है जोकि दोपहर 03 बजकर 09 मिनट पर शुरू होगी और 22 जून गुरुवार की शाम को यह तिथि शाम के 5 बजकर 27 मिनट पर खत्म होगी. उदयातिथि को देखों तो आषाढ़ विनायक चतुर्थी के लिए 22 जून को व्रत रखना होगा. 

आषाढ़ विनायक चतुर्थी 2023 के लिए पूजा मुहूर्त

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आषाढ़ विनायक चतुर्थी 2023 के लिए पूजा मुहूर्त

आषाढ़ विनायक चतुर्थी के लिए 22 जून को की जाने वाली पूजा का शुभ मुहूर्त शुरू हो रहा है सुबह 10 बजकर 59 मिनट से और दोपहर 01 बजकर 47 मिनट तक रहने वाला है. पूजा मुहूर्त के समय लाभ-उन्नति मुहूर्त का समय दोपहर 12 बजकर 23 मिनट से शुरू होकर दोपहर 02 बजकर 08 मिनट तक रहने वाला है. 

विनायक चतुर्थी पर रवि योग

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विनायक चतुर्थी पर रवि योग

विनायक चतुर्थी की तिथि पर एक योग बन रहा है जिसका नाम है रवि योग. इस योग में शाम को 06 बजकर 01 मिनट से दूसरे दिन सुबह 04 बजकर 18 मिनट पर खत्म हो रहा है. पूजा के दौरान यह योग नहीं होगा.

विनायक चतुर्थी पर नहीं देखना चाहिए चंद्रमा

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विनायक चतुर्थी पर नहीं देखना चाहिए चंद्रमा

आषाढ़ विनायक चतुर्थी की तिथि पर चंद्रमा के दर्शन नहीं करने का विधान है. माना जाता है कि इस तिथि पर चंद्रमा को देखने से उस व्यक्ति पर कलंक लगता है.

आषाढ़ विनायक चतुर्थी व्रत भद्रा में पड़ रहा है

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आषाढ़ विनायक चतुर्थी व्रत भद्रा में पड़ रहा है

विनायक चतुर्थी के दिन भद्रा सूर्योदय के समय से ही होगा. इस तिथि पर भद्रा का साया लगा होगा जिसका समय सुबह 05 बजकर 24 मिनट से शुरू होकर शाम के 05 बजकर 27 मिनट तक रहने वाला है. 12 घंटे तक भद्रा के पृथ्वी पर रहने का समय होगा. 

व्रत का महत्व

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व्रत का महत्व

विनायक चतुर्थी व्रत करने से और पूरे मन से गणेश जी की पूजा अर्चना करने से मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं और काम में सफलता मिलती है. इस व्रत को रखने से ज्ञान, बुद्धि, धन व सुख, समृद्धि भी बढ़ती है. गणेश जी का आशीर्वाद पाने से जीवन के संकट दूर होते हैं. 

दुख दूर होंगे

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दुख दूर होंगे

मान्यता है कि विनायक चतुर्थी पर व्रत रखने से और भगवान गणेश की मन से पूजा करने से जीवन में जो भी व्याप्त दुख है और जो भी क्लेश है उससे मुक्ति मिलेगी.