नियमों का सही से पालन न करने से छठी मइया नाराज हो जाती है.
छठ का व्रत संतान की लंबी आयु, स्वास्थ्य और उनके उज्जवल भविष्य की कामना के लिए रखा जाता है.
छठ पूजा में सूर्य देव को अर्घ्य दिया जाता है. अर्घ्य के दौरान भूलकर भी चांदी, स्टील और प्लास्टिक के बर्तनों का इस्तेमाल नहीं करना चाहिए. इस दौरान पूजा में मिट्टी के चूल्हे और बर्तनों का ही इस्तेमाल करना चाहिए.
छठ के पर्व के दिन भूलकर भी मांस का सेवन नहीं करना चाहिए. छठ पूजा के दिन लहसुन व प्याज का सेवन भी नहीं करना चाहिए.
व्रत के दौरान महिला इस बात का ख्याल रखें कि सूर्य को अर्घ्य दिए बिना किसी भी चीज का सेवन न करें. व्रत रखने वाली महिलाएं जमीन पर सोए.
छठ पूजा का व्रत बहुत कठिन व्रत माना जाता है. इस दौरान महिलाएं इस व्रत से जुड़े कुछ नियमों का पालन करती है, जो महिलाएं छठ का व्रत रखती हैं. उन्हें 10 दिन पहले से ही अरवा चावल और सेंधा नमक का इस्तेमाल करना चाहिए.
छठ पूजा हिंदू धर्म के बेहद पवित्र त्योहारों में से एक है. याद रहे कि पूजा का प्रसाद बनाते समय भूलकर भी इसे चखने की गलती ना करें. ऐसा करने से पूजा का उल्टा प्रभाव पड़ता है.