देवोत्थान एकादशी पर देवताओं ने भी रचाया विवाह, क्यों देवउठनी पर बनता है शादी का सबसे शुभ मुहूर्त
सर्दियों में शादी
अधिकतर लोग ठंडी के मौसम में शादी करना चाहते हैं. सर्दियों में शादी करने के बहुत से फायदे होते हैं. कड़कती जनवरी और फरवरी की सर्दी की जगह नवंबर और दिसंबर में वेडिंग पसंद की जाती है.
शादियों का सीजन
शादियों का सीजन शुरू होने वाला है. अगर आप भी शादी करने का प्लान कर रही हैं तो हम आपको बताएंगे कि ठंड के महीने में शादी करने के क्या फायदे होते हैं।
देवउठनी एकादशी
कार्तिक माह की देवउठनी एकादशी के बाद मांगलिक कार्य की शुरुआत हो जाती है. हर वर्ष कार्तिक माह में शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि को देवउठनी एकादशी मनाई जाती है.
23 नवंबर को देवउठनी एकादशी
इस वर्ष 23 नवंबर को देवउठनी एकादशी है. इसके अगले दिन यानी 24 नवंबर को तुलसी विवाह है. पंचांग के अनुसार, कार्तिक माह के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि 22 नवंबर को देर रात 11 बजकर 03 मिनट से शुरू होगी और अगले दिन यानी 23 नवंबर को 09 बजकर 01 मिनट पर समाप्त होगी. और इस दिन से विवाह का लग्न शुरू होता है.
ठंड में शादी
ज्यादातर लोग नवंबर-दिसंबर के महीने यानी ठंड में शादी करना चाहते हैं. सर्दियों के दिनों में शादी करने के बहुत से फायदे होते हैं. आपका भी ठंड के मौसम में शादी करने का प्लान है तो हम बताएंगे इसके फायदों के बारे में...
विंटर वेडिंग
ठंड के मौसम में शादी करने से मेकअप खराब नहीं होता है. जबकि गर्मियों हमेश मेकअप खराब होने का डर रहता है. एक्सपर्टस का कहना है कि ठंड के दिनों में शादी करने से दुल्हन का मेकअप खराब नहीं होता है. जिससे की काफी अच्छी क्वालिटी की फोटो आती हैं.
मेकअप
बार- बार उन्हें मेकअप ठीक करने की जरूरत नहीं पड़ती और फोटोग्राफर के साथ ही दुल्हन का भी काफी समय बच जाता है.गर्मियों के दिनों में मेकअप खराब होने के कारण फोटो अच्छी नहीं आती है.
हैवी लहंगे
शादी पर ज्यादातर ब्राइंड हैवी लहंगे पहनना पसंद करती हैं. गर्मी के मौसम में ये मुश्किल हो सकता है. ठंड के दिनों में हैवी लहंगे पहनना काफी आसान होता है. हैवी लहंगे के कारण ठंड कम लगती हैं.इस कारण आप वेडिंग आराम से एंजाय कर सकते हैं.
भूख-प्यास
हिंदू शादी में कई बार व्रत भी करना पड़ता है. लंबे समय तक भूखा रहना होता है. ठंड के मौसम में भूख-प्यास पर ध्यान ही नहीं जाता. जबकि गर्मियों में पानी की बहुत जरुरत होती है.