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Ganga Dussehra 2024: गंगा दशहरा पर दुर्लभ 'वरीयान' योग और 7 शुभ संयोग, कटेंगे जन्मों के पाप

Ganga Dussehra 2024: गंगा दशहरा का पर्व हर साल ज्येष्ठ माह के शुक्ल पक्ष में पड़ने वाली दशमी तिथि को होता है. इस साल वर्ष यह तिथि 16 जून को पड़ रही है.

बेहद दुर्लभ 'वरीयान' योग

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 बेहद दुर्लभ 'वरीयान' योग

सनातन धर्म में काफी महत्व रखने वाला गंगा दशहरा पर एक बेहद दुर्लभ 'वरीयान' योग तो बन ही रहा है साथ ही 7 संयोग भी हो रहे हैं जो सभी दुखों का अत करेंगे. 

जन्म-जन्मांतर के पाप

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जन्म-जन्मांतर के पाप

धार्मिक मान्यता है कि गंगा नदी में स्नान-ध्यान करें तो जन्म-जन्मांतर के पाप कट जाते हैं. मां गंगा का आशीर्वाद भी साधक को प्राप्त होता है.  

मंगलकारी योग

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मंगलकारी योग

ज्योतिष अनुसार गंगा दशहरा पर दुर्लभ वरीयान योग भी बन रहा है. कई अन्य मंगलकारी योग भी बन रहे हैं. आइए, सभी योग और संयोग के बारे में जानते हैं.   

ज्येष्ठ माह के शुक्ल पक्ष में

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ज्येष्ठ माह के शुक्ल पक्ष में

ज्येष्ठ माह के शुक्ल पक्ष में पड़ने वाली दशमी तिथि की शुरुआत 16 जून को रात के 02 बजकर 32 मिनट से होकर 17 जून को सुबह 04 बजकर 43 मिनट पर खत्म हो रही है. उदया तिथि में 16 जून को गंगा दशहरा है.   

महत्वपूर्ण

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महत्वपूर्ण

ज्योतिष अनुसार ज्येष्ठ माह के शुक्ल पक्ष में पड़ने वाली दशमी तिथि पर बहुत महत्वपूर्ण वरीयान योग बन रहा है.   

अमोघ फल की प्राप्ति

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अमोघ फल की प्राप्ति

वरीयान योग का निर्माण शाम के 09 बजकर 03 मिनट तक रहेगा जोकि एक शुभ योग के रूप में जाना जाता है. इस योग में साधक को दान-पुण्य करना चाहिए. व्रत का संकल्प करना चाहिए जिससे अमोघ फल की प्राप्ति हो पाती है.   

अमृत सिद्धि योग

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अमृत सिद्धि योग

गंगा दशहरा पर सर्वार्थ सिद्धि योग व अमृत सिद्धि योग बन रहा है. दोनों योग सुबह के 05 बजकर 23 मिनट से शुरू होकर सुबह के 11 बजकर 13 मिनट तक रहने वाले हैं. रवि योग का भी संयोग इस तिथि पर है.   

गंगा मां की पूजा उपासना

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गंगा मां की पूजा उपासना

ज्योतिष गणना की माने तो हस्त और चित्रा नक्षत्र का संयोग भी गंगा दशहरा पर बन रहा है, इस दौराना अधिकांश कामों को करना शुभ और श्रेष्ठ होता है. गंगा मां की पूजा उपासना के शुभ फल प्राप्त होते हैं.   

तैतिल और गर करण

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तैतिल और गर करण

तैतिल और गर करण का भी गंगा दशहरा पर निर्माण हो रहा है. दोनों योग में शुभ कार्य किए जाते हैं. तैतिल और गर करण को तो ज्योतिष में अति शुभ माना जाता है. 

डिस्क्लेमर

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डिस्क्लेमर

यह जानकारी सिर्फ मान्यताओं, धार्मिक ग्रंथों और माध्यमों पर आधारित है. किसी भी जानकारी को मानने से पहले अपने विशेषज्ञ की सलाह ले लें.