Guru Purnima 2024: भगवान कृष्ण ने शिक्षा पूरी करने के बाद उनसे गुरु दक्षिणा के लिए कहा. इसके बाद गुरु की पत्नी ने ऐसा मांगा कि उनको यमराज से युद्ध लड़ना पड़ा
गुरु को भगवान से भी ऊंचा दर्जा दिया गया है. गुरु को गुरु दक्षिणा देने की परंपरा सदियों से चली आ रही. जिसे भगवान कृष्ण से लेकर एकलव्य तक ने निभाया है. क्या आप जानते हैं भगवान कृष्ण के गुरु के बारे में और उन्होंने अपने गुरु को गुरु दक्षिणा में क्या दिया. गुरु संदीपनी ने भी श्रीहरि से क्या मांगा आइए जानते हैं
भगवान कृष्ण के गुरु संदीपनी थे. संदीपनी बहुत तेजस्वी और सिद्ध ऋषि थे. संदीपनी का अर्थ होते हैं देवताओं के ऋषि. संदपीनी ऋषि ने उजैन्न में घोर तपस्या की थी साथ ही यहां उन्होंने वेद पुराण, न्याय शास्त्र, राजनीति शास्त्र, धर्म ग्रंथ आदि की शिक्षा के लिए आश्रम का निर्माण किया था.
उनके गुरुकुल में दूर-दूर से लोग शिक्षा लेने के लिए आते थे. महर्षि संदीपनी के गुरुकुल में भगवान श्रीकृष्ण, सुदामा और बलराम ने शिक्षा ग्रहण की थी.
भगवान कृष्ण ने यहां 64 दिनों में ही अपनी शिक्षा पूर्ण कर ली थी. महर्षि संदीपनी ने कहा आपकी शिक्षा पूर्ण होती है.
भगवान कृष्ण ने भी जब अपनी शिक्षा पूर्ण होने के बाद गुरु संदीपनी से पूछा कि गुरु दक्षिणा में आपको क्या दूं तो गुरु संदीपनी ने ऐसा करने से उन्हें मना कर दिया. भगवान ने इस परंपरा को पूरा करने की जिद की.
इसके बाद गुरु संदीपनी ने ही नहीं बल्कि उनकी पत्नी ने भगवान कृष्ण से ऐसा कुछ मांगा जिसे जानकर आप भी हैरान रह जाएंगे. कृष्ण ने भी अपनी गुरु को गुरु दक्षिणा देने के लिए अपना पूरा बल लगा दिया था.
भगवान कृष्ण की जिद पर गुरु संदीपनी की पत्नी ने कहा कि उनके पुत्र की अकाल मृत्यु हो गई और उन्होंने अपने पुत्र का जीवनदान गुरु दक्षिणा में मांगा. जिसके बाद भगवान सागर किनारे पहुंचे.
महर्षि ने समुद्र में अपने पुत्र को खोया था. महर्षि की पत्नी की बात सुन कृष्ण सागर में पहुंचे. भगवान ने समुद्र से कहा कि गुरु संदपिनी का पुत्र लौटा दें. इस पर समुद्र ने बताया कि भगवन मेरे गर्भ में एक दैत्य पंचजन्य ने गुरु संदीपनी के पुत्र को निगल लिया है.
यमराज भगवान कृष्ण को नहीं पहचाने और उनके साथ युद्ध करने लगे. बाद में यमराज को समझ आया कि ये भगवान कृष्ण है तो उन्होंने गुरु पुत्र को लौटा दिया. इसके बाद भगवान कृष्ण ने गुरु माता को उनका खोया हुआ पुत्र लौटा दिया.
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