हिंदू धर्म में मनाया जाने वाला सबसे बड़ा और प्रमुख त्योहार होली है. प्रत्येक वर्ष हिंदू पंचांग के अनुसार होली का त्योहार फाल्गुन मास की शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा तिथि के दिन मनाया जाता है. इस साल होली 25 मार्च 2024 को मनाई जाएगी. इस पर्व को बड़ी भव्यता के साथ मथुर और वृंदावन में मनाया जाता है.
ब्रजमंडल में होली का उत्सव उल्लास लेकर आता है. मंदिर, आश्रम और कुंजगलियों में रंगभरनी एकादशी से रंगों की फुहार होगी और देश दुनिया के लाखों भक्त रंग में भीगते नजर आएंगे.
ब्रज के होली पूरे भारत समेत विश्व में मशहूर है. होली के उल्लास में शामिल होने का देश दुनिया के भक्तों को साल भर तक इंतजार रहता है.
भक्त वृंदावन में डेरा डालकर करीब हफ्ता भर न केवल होली बल्कि यहां बरसने वाले आध्यात्मिक रंग में भी सराबोर होने का मन बनाते हैं.
होली के आसपास बांके बिहारी मंदिर इस्कान मंदिर के आस पास से लेकर छटीकरा तक कहीं नहीं है ठहरने की जगह मुश्किल से मिलती है. लोग महीनों पहले बुकिंग कराते हैं.
होली नजदीक आते ही होटल इंड्रस्टी भी उड़ान भरने लगी है. मथुरा-वृंदावन में आम दिनों में खासकर वीकेंड में गेस्ट हाउस और आश्रम फुल हो जाते हैं. तो होली के पर्व पर लाखों श्रद्धालु वृंदावन आते हैं. अगर आप भी वृंदावन की होली के रंग में सराबोर होना चाहते हैं तो इसके लिए आप फौरन शहर के होटल-गेस्टहाउस और धर्मशालाएं में बुकिंग की कोशिश कर सकते हैं.
कोई श्रद्धालु होली पर्व पर बिना बुकिंग के वृंदावन में होली का आनंद लेने को डेरा डालने का मन बना चुका है, तो उसके हाथ मायूसी ही लगेगी. श्रद्धालुओं को ठहरने के लिए दर-दर भटकने को मजबूर भी होना पड़ सकता है.
होली पर भीड़ के कारण ठाकुर बांकेबिहारी मंदिर के अंदर के साथ ही बाहर भी पैर रखने की जगह नहीं बचती. खबरों की मानें तो बांकेबिहारी मंदिर के आसपास करीब दो से ढाई दर्जन गेस्टहाउस तो पहले ही पूरी तरह फुल हो चुके हैं.
हालात ये है कि अभी से एक एक कमरे के लिए लोग दर-दर भटकते नजर आ रहे हैं. रंगभरनी एकादशी 20 मार्च से शुरू होगी और वृंदावन में लाखों भक्त डेरा डाल लेंगे. अगर होली ठाकुरजी के संग मनानी है तो अभी बुकिंग करा लें.
यहां के कई जगहों पर अभी से गेस्टहाउस में भागवत कथाओं की श्रृंखला शुरू हो गई है. खबरों की मानें तो करीब आधा फीसदी बुकिंग फुल हो चुकी है.
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