होलिका दहन की राख से मिलेगी हर संकट से मुक्ति, करें ये उपाय, मां लक्ष्मी की भी बरसेगी कृपा.
होलिका दहन 24 मार्च 2024 को है. ऐसा कहते हैं होलिका दहन की राख बहुत फायदेमंद होती है. होलिका की राख से कुछ खास उपाय करने पर सोया भाग्य चमक उठता है, मां लक्ष्मी मेहरबान रहती हैं.
होलिका दहन के अगले दिन के सुबह में होलिका की राख को लेकर कई सारे चमत्कारी उपाय बताए गए हैं. इन उपायों को करने से घर की सारी समस्याएं दूर हो जाती हैं और आर्थिक तंगी से मुक्ति मिलती है.
होली की रात को सिद्धि रात्रि भी कहा जाता है यानी इस रात को किए गए तंत्र उपाय जल्दी ही सिद्ध हो जाते हैं. परिवार को बुरी शक्तियों से बचाने के लिए होलिका दहन की राख बड़े काम की मानी जाती है.
होली की राख बहुत पवित्र मानी जाती है. इसे घर में रखने से राहु, केतु की बुरी नजर दूर रहती है. घर में बीमारियों का वास भी नहीं होता है.
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, होलिका दहन से आसपास की नकारात्मक शक्तियां नष्ट होती हैं और जीवन में खुशियां आती हैं. ऐसा कहा जाता है कि होलिका दहन की राख से कई सारे दुखों से मुक्ति मिल जाती है.
होलिका दहन के अगले दिन सुबह ये राख घर ले आएं. इसमें नमक और राई मिलाकर घर में गुप्त स्थान पर रख लें. किसी को नजर दोष हो तो उसके सिर से 7 बार ये राख उतार कर चौराहे पर फेंक दें. टोने टोटके का असर खत्म हो जाएगा.
होलिका की राख की 7 चुटकियां घर आएं. फिर इस राख को तांबे के सात छेद वाले सिक्कों के साथ एक लाल कपड़े में बांधकर तिजोरी में रख दें. ऐसा करने से घर में पैसों की तंगी दूर होती है.
होली जब जल जाए तो उस जगह की राख को बहते हुए जल में प्रवाहित कर दें. ऐसा करने से आपको पैसों की तंगी से छुटकारा मिल जाएगा.
होलिका दहन के दूसरे दिन सुबह जाकर होली की राख घर पर ले आएं और इसमें नमक और राई मिलाकर रखें. इससे बुरी नजर और साए को दूर रखा जा सकता है. यह नजर दोष में भी बहुत कारगर होती है.
आर्थिक तंगी का सामना करना पड़ रहा है तो होली जलने वाले स्थान पर अनार की कलम से उस व्यक्ति का नाम लिख दें और फिर उसके ऊपर हरा गुलाल छिड़कें.
होलिका दहन की राख को ठंडा होने के बाद घर लाएं और इसे पानी में मिलाकर शिवलिंग पर चढ़ाएं. ऐसा करने से भगवान भोलेनाथ प्रसन्न होते हैं और आपको मनचाहा फल देते हैं.
यहां दी गई सभी जानकारियां धार्मिक आस्था और लोक मान्यताओं पर आधारित हैं. Zeeupuk इस बारे में किसी तरह की कोई पुष्टि नहीं करता है. इसे सामान्य जनरुचि को ध्यान में रखकर यहां प्रस्तुत किया गया है.