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घर में इन वजहों से दरिद्रता का वास, दिवाली के पहले बदलें आदत तो आएगी लक्ष्मी

बहुत आग्रह करने के बाद ब्रह्मा जी ने दु:सह और उसके भाई को इन घरों में रहने के लिए कहां जो कुछ इस प्रकार है.

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 जिस घर में सुबह शाम कलह और झगड़ा होता है. वहां दरिद्रता का वास होता है.

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जिस घर में अतिथियों, माता पिता और दामाद का आदर सत्कार नहीं होता है. वहां दुःसह निवास करने लगते हैं.

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जिस घर में परोसे गए अन्न की निंदा की जाती है वहां दरिद्रता वास करने लगती है.

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घर के टूटे बर्तन में खाना नहीं खाना चाहिए. पंक्ति में साथ बैठकर खाने के दौरान सभी के साथ निवाला उठाना चाहिए. ऐसा नहीं करने पर घर में दरिद्रता वास करती है.

 

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कच्चे या पके अन्न का अनादर करने वाला दुःसह को अपने पास आमंत्रित करता हैं. जिस घर में मुर्दा शरीर एक दिन से अधिक पड़ा रहता है वहां दुःसह के साथ अन्य राक्षस भी निवास करने लगते हैं.

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जिस घर में स्त्रियां प्रसन्न नहीं रहतीं, जिन स्त्रियों की आवाज घर के बाहर तक जाती है वहां दुःसह रहने लगता हैं.

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जिस द्वार से गाय, भैस घोड़ा आदी जानवर भूखे प्यासे चले लौट जाते हैं. उस घर में दरिद्रता वास करती है.

 

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जो धर्म परायण नहीं है, सदाचार का पालन नहीं करता, अपने नित्य कर्मों को करना छोड़ देता है वहां से लक्ष्मी चली जाती हैं और दरिद्रता वहां अपना घर कर लेती है.