हिंदू धर्म में छठ पूजा को लेकर कई तरह की मान्यताएं हैं. इसी में से एक मान्यता महिलाओं का नाक तक सिंदूर लगाने का है. आइए जानते हैं कि इसके पीछे की धार्मिक मान्यता क्या है.
छठ पर्व पर महिलाएं नाक तक सिंदूर लगाती हैं ताकि उनके पति का समाज में पद प्रतिष्ठा और उनकी आयु लंबी हो. ऐसी मान्यता है कि जो महिला अपना सिंदूर छिपा लेती है उनका पति समाज में पिछलग्गू हो जाता है.
ऐसे सिंदूर लगाने के पीछे भी एक कथा है. दुशासन गरजते हुए द्रौपदी के कक्ष में पहुंचा तब उन्होंने रितु स्नान नहीं किया था. जिस कारण वह सिंदूर मांग में नहीं भरी थी. ऐसे में दुशासन उनका बाल पकड़कर खींचने लगा. द्रौपदी बिना सिंदूर लगाए अपने पतियों के सामने नहीं जा सकती थी, इसलिए उन्होंने जल्दी से सिंदूरदानी अपने सिर पर पलट लिया था.
छठ पूजा के दौरान तीन तरह के सिंदूर का इस्तेमाल किया जाता है. आस्था के महापर्व में सिंदूर का विशेष महत्व माना जाता है. सुर्ख लाल, पीला और मटिया सिंदूर.
छठ पूजा के दौरान महिलाएं खासकर बिहार राज्य की महिलाएं मटिया सिंदूर का इस्तेमाल करती है. इस सिंदूर को सबसे पवित्र माना जाता है. इस सिंदूर को बनाने में मिट्टी का इस्तेमाल किया जाता है.