Pitra Paksha 2024: पितृ पक्ष में भूलकर भी न खाएं ये चीजें, पितरों की नाराजगी से घर में आ सकती है तंगी और भुखमरी
Pitru Paksha 2024: हिंदू धर्म में पितृ पक्ष का खास महत्व है. धार्मिक दृष्टि से पितृ पक्ष यानी श्राद्ध माह में पूर्वजों या पितरों की आत्मा की शांति के लिए तर्पण करने का विधान है. पितृ पक्ष के कुछ नियम हैं जिनकों हमें मानना चाहिए.
पितृपक्ष में पितरों की आत्मा की शांति के लिये पिंडदान या श्राद्ध किया जाता है. हिंदू धर्म पितृ पक्ष का बेहद खास महत्व है. भाद्रपद मास की पूर्णिमा से आश्विन शुक्ल पक्ष की अमावस्या तक की अवधि को पितृ पक्ष (Pitru Paksha) कहा जाता है.
15 दिन पितर देवता को समर्पित
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धार्मिक शास्त्रों के अनुसार, ये 15 दिन पितर देवता को समर्पित होते हैं. मान्यता है कि इस दौरान किए गए पितरों के निमित्त तर्पण से पितृ देव संतुष्ट होते हैं और वे अपने वंशजों को आशीर्वाद देते हैं. कुछ ऐसी खाने की वस्तुएं हैं जो पितृपक्ष में वर्जित बताए गए हैं.
पितरों के सम्मान में श्राद्ध
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साल भर में 15 दिन का ऐसा समय होता है जब आप अपने पितरों के सम्मान में श्राद्ध करते हैं या पितरों की आत्मा की शांति के लिये पिंडदान करते हैं. वहीं, पितृपक्ष के दिनों में पितर किसी ना किसी रूप में धरती पर आते हैं और अपने परिजनों को आशीर्वाद देते हैं.
कब है पितृपक्ष?
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इस साल पितृ पक्ष 18 सितंबर 2024 दिन यानी बुधवार से शुरू हो रहा है और 25 सितंबर 2022 तक रहेगा. पितृपक्ष के दौरान कुछ चीजों को खाना वर्जित बताया गया है. इसलिए भूलकर भी इन चीजों का सेवन न करें.
मांस-मदिरा
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पितृपक्ष के दिनों में मांस और मदिरा का सेवन भूलकर भी नहीं करें. इससे पितृ नाराज हो जाते हैं और इसका सीधा असर वंश पर पड़ता है.
लहसुन-प्याज का सेवन
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हिंदू धर्म के किसी भी त्योहार में लहसुन-प्याज ज्यादातर नहीं खाया जाता है. लहसुन और प्याज को तामसिक भोजन के रूप में जानते हैं. इसलिए पितृपक्ष के दौरान इन दोनों का सेवन बिल्कुल भी नहीं करें. पितृपक्ष में सात्विक भोजन करना चाहिए.
पके चावल
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पितृपक्ष के दौरान पके हुए चावल का इस्तेमाल नहीं करना चहिए. क्योंकि इन्हीं चावलों से पितरों का श्राद्ध किया जाता है इसलिए कच्चे चावल का इस्तेमाल किया जा सकता है.
मसूर दाल
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पितृपक्ष में मसूर की दाल खाना भी वर्जित बताया गया है. क्योंकि इसका संबंध मंगल ग्रह से है, जो क्रोध का कारक माना जाता है. इसलिए इसका सेवन नहीं करना चाहिए.
चना मना
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पितृ पक्ष में चना और इससे बनी चीजों जैसे कि बेसन, चने की दाल, मिठाई आदि नहीं खानी चाहिए क्योंकि ये चीजों पितरों को अर्पित नहीं की जाती है. पितृपक्ष के दौरान चना भी नहीं खाना चाहिए. यह अशुभ माना जाता है. कुछ जगहों पर कढ़ी बनानी भी वर्जित होता है.
इन सब्जियों का सेवन वर्जित
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ऐसी मान्यता है कि पितृपक्ष के दौरान गाजर, मूली आदि नहीं खानी चाहिए क्योंकि इनका संबंध राहु से होता है. इनकी गिनती अशुद्ध सब्जियों में होती है.पितृपक्ष के दौरान अरबी, आलू, कंद आदि का सेवन भी नहीं करते हैं.
Disclaimer
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यहां मुहैया सूचना सिर्फ मान्यताओं-धार्मिक जानकारियों और इंटरनेट पर मौजूद सामग्री के आधार पर लिखी गई है. यहां यह बताना जरूरी है कि ZEE UPUK किसी भी तरह की मान्यता, जानकारी की पुष्टि नहीं करता है.
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