Pradosh Vrat June: प्रदोष व्रत की पूजा शाम के समय होती है और भगवान शिव व माता पार्वती की इस व्रत में विशेष पूजा करने का विधान है.
प्रदोष व्रत करने से मिलते हैं अनेक लाभ
गुरु प्रदोष व्रत करने से 100 गायों को दान करने का फल प्राप्त होता है. सभी प्रकार के कष्ट व पापों को यह व्रत नष्ट करता है.
अगर प्रदोष काल में यानी सूर्यास्त के 45 मिनट पहले के समय में शिवजी व माता पार्वती की विशेष पूजा करने से आशीर्वाद व कई गुना लाभ प्राप्त होता है.
अन्य सभी दूसरे व्रतों से प्रदोष व्रत को अधिक शुभ व महत्वपूर्ण माना गया है. एक वर्ष तक लगातार यह व्रत करने से हर मनोकामनाओं की पूर्ति महादेव करते हैं.
महादेव व्रती के सभी पाप व कष्टों यहां तक की उसके भीतर के सभी दोष व संकटों को हर लेते हैं. प्रदोष को देवी भागवत में देवी व्रत माना गया है.
देवाधिदेव महादेव सायं काल के समय इस दिन देवी पार्वती को कुशासन पर विराजमान किया जाता है और उनके सामने देवताओं के साथ नृत्य करते हैं.
इस दिन उपवास करके देवी पार्वती की भी शाम के समय पूजा की जानी चाहिए.
प्रदोष व्रत करने से व्यक्ति के जीवन से दरिद्रता और कर्ज से छुटकारा मिलता है.
प्रदोष काल में भगवान शंकर की प्रार्थना करने से व्यक्ति दीर्घायु और सदा नीरोग रहता है. स्त्री-पुत्र और सुख-सौभाग्य की प्राप्ति होती है. साथ उन्हें हर क्षेत्र में उन्नति मिलती है.