सनातन धर्म सबसे ज्यादा प्रिय कोई भगवान है, तो वह बजरंगबली है. लेकिन क्या आपने कभी सोचा है कि हनुमान जी का नाम बजरंग बली कैसा पड़ा. हिंदू धर्म में मंगलवार का दिन हनुमान जी को समर्पित किया गया है. मान्यता है कि इस दिन हनुमानजी की पूजा करने से आपकी मनोकामनाएं पूर्ण होती है. कई लोग हनुमान जी को संकटमोचन के नाम से भी जानते हैं.
हनुमान जी का पूजा करने से कुडली में मंगल के दोष का प्रभाव कम हो जाता है. ऐसी मान्यता है कि हनुमान जी भक्तों के दुखों को हमेशा दूर करते हैं. बल और बुद्धि के देवता हनुमान जी को बजरंगबली भी कहा जाता है.
पौराणिक मान्यताओं के अनुसार हनुमान जी को बजरंगबली क्यों कहा जाता है. इसके पीछे दो मान्यताएं हैं. पहली मान्यता के मुताबिक बजरंगबली बहुत ही शक्तिशाली है. उनका शरीर व्रज के समान बलशाली है.
दूसरी मान्यता के अनुसार हनुमान जी अपने अराध्य देवता प्रभु श्री राम को प्रसन्न करने के लिए अपने शरीर में सिंदूर लगाया करते थे.
मान्यता है कि एक बार माता सीता सिंदूर लगा रही थी. तभी हनुमानजी वहां पहुंचे उन्होंने माता सीता से पूछा की माता आप अपनी मांग में सिंदूर क्यों लगाती है. इसका जवाब देते हुए माता सीता कहती हैं कि वे अपने पति श्रीराम के लंबी आयु के लिए और अच्छे स्वास्थ्य के लिए सिंदूर लगाती है.
माता सीता की बात सुनकर बजरंगबली सोचते हैं कि अगर सिंदूर लगाने से इतना लाभ होता है, तो वह अपने पूरे शरीर में सिंदूर लगाएंगे. इससे प्रभु राम अमर हो जाएंगे. ये भक्ति देखकर प्रभु श्री राम ने हनुमान जी को कहा की आज से आपको इस दुनिया में बजरंगली के नाम से जाना जाएगा.