Shani Jayanti Katha, Shani Jayanti kab hai: शनिदेव को न्याय का देवता माना गया है. अच्छे कर्म करने पर प्रसन्ना मिलती है और मेहमत करने पर लेखाजोखा के साथ उसका फल मिलता है. शनिदेव किसी को भी राजा से रंक और रंक से राजा बना सकते हैं. ऐसे में अगर शनिदेव को प्रसन्न करना है तो कुछ विशेष उपाय करें, कुछ जरूरी बातों को ध्यान में रखें. अच्छे कर्म करने की पूरी कोशिश करें और जीवों पर दया करते रहे. आज शनि जयंती पर जान लें कि शनि की छाया से बचने के लिए क्या करें और क्या न करें.


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शनिदेव की पूजा करते समय गलतियां न करें
शनिदेव की वक्र दृष्टि अगर आप पर पड़ी है तो आपको ज्योतिष में बताए तरीकों से शनिदेव की पूरे मन से पूजा अर्चना करनी चाहिए. ध्यान रहे कि शनिदेव की पूजा के समय किसी तरह की भूल न करें नहीं तो शनिदेव क्रोधित भी हो सकते हैं.  शनिदेव की पूजा करते समय गलतियां कर बैठे तो कई तरह की समस्याओं से आपको दो तार होना पड़ सकता है. चलिए इसे और विस्तार से जानते हैं. 


सामने खड़े होकर कतई न पूजा करें
शनिदेव की पूजा कर रहे हैं तो ध्यान दें कि उनके बिलकुल सामने खड़े होकर कतई न पूजा करें. शनिदेव की दृष्टि से अपनी दृष्टि को कभी भी न मिलाएं. इन गलतियों के कारण आपको दिक्कते भी हो सकती हैं. 


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सफेद तिल का भी प्रयोग न करें
शनिदेव को काली चीजें अवश्य अर्पित करें.शनिदेव हमेशा काले वस्त्र ही धारण करते हैं, ऐसे में पूजा एवं दान के समय शनि देव के लिए काली चीजों का अधिक उपयोग करें. कभी भी सफेद तिल का भी प्रयोग न करें. पूजा के लिए हमेशा काले तिल को उपयोग में लाएं. 


थोड़ी दूरी पर दीपक जलाएं
शनिदेव की कृपा अगर पाना चाहते हैं तो आपको पीपल के पेड़ में जल अर्पित करना चाहिए. ऐसा करने से शनिदेव की कृपा आप पर बरसेगी. अगर आप शनि मंदिर या फिर पीपल के पेड़ के नीचे शनि जयंति या शनिवार को दीपक जलाते हैं तो आपको अनेक लाभ होगा. दीपक जलाते समय इस बात का ध्यान रखें कि दीपक शनिदेव ठीक सामने न जलाएं बल्कि आपको मंदिर में किसी शिला या थोड़ी दूरी पर दीपक जलाकर रखना चाहिए. 


छाया पुत्र शनि 
शनिदेव को छाया पुत्र कहा गया हैं ऐसे में ध्यान रखें कि शनिदेव की पूजा हमेशा सूर्योदय से पहले कर लें और सूर्योदय बाद शाम के समय की जाती है. शनिदेव की पूजा या तो शाम को करें या सुबह सूर्य की किरणों के निकलने से ही पूजा अर्चना कर लें.