Shani Pradosh Vrat 2024 Date: सावन का महीना समाप्‍त हो गया है. इसी के बाद भाद्रपद का महीना शुरू हो गया. भादो या भाद्रपद मास में कई त्‍यौहार पड़ते हैं. भादो महीना में स्‍नान और दान के साथ ध्‍यान करना अच्‍छा माना जाता है. भाद्रपद के प्रदोष के दिन भगवान शिव की पूजा कर संतान की प्राप्ति की जा सकती है. तो आइये जानते कब पड़ भाद्रपद का पहला प्रदोष?. 


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प्रदोष व्रत रखने से पूरी होगी हर मनोकामना 
दरअसल, जिन दंपत्ति को संतान की प्राप्ति नहीं होती है, उन्‍हें भाद्रपद के प्रदोष का व्रत रखने की मान्‍यता है. मान्‍यता है कि भादो महीने में पड़ने वाले प्रदोष का व्रत रखने से भगवान भोले नाथ प्रसन्‍न होते हैं. भगवान शिव की पूजा करने से संतान की प्राप्ति होती है. भादो का पहला प्रदोष व्रत कृष्ण पक्ष की त्रयोदयशी तिथि को रखा जाएगा. इस बार यह व्रत शनिवार को पड़ रहा है. इसलिए यह शनि प्रदोष व्रत होगा. शनि प्रदोष के दिन व्रत और भगवान शिव की पूजा करने से व्यक्ति को संतान की प्राप्ति होती है. 


भाद्रपद के पहला प्रदोष कब? 
पंचांग के मुताबिक, भाद्रपद मा​ह के कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि की शुरुआत 31 अगस्त शनिवार को तड़के 02:25 बजे से हो रही है. इसका समापन एक सितंबर रविवार को तड़के 03:40 बजे होगा. ऐसे में भाद्रपद का पहला प्रदोष व्रत यानि शनि प्रदोष व्रत 31 अगस्त शनिवार को रखा जाएगा. 31 अगस्त को शनि प्रदोष व्रत की पूजा के समय परिघ योग भी बन रहा है. इस दिन सुबह में वरीयान योग होगा, जो शाम 05:39 बजे तक है. उसके बाद से परिघ योग का निर्माण होगा. ऐसे में भगवान शिव की पूजा शाम में होगी. 


भाद्रपद माह का महत्व 
हिंदू धर्म में भाद्रपद के महीने का खास महत्व है. इस महीने में गौरी-शंकर की आराधना हरतालिका तीज व्रत के रूप में की जाती है. इस महीने में स्नान दान करने से पुण्‍य की प्राप्ति होती है. 


भाद्रपद मास में पड़ने वाले त्‍योहार 
- 20 अगस्त दिन मंगलवार भादो महीने की शुरुआत 
- 22 अगस्त दिन गुरुवार कजरी तीज, बहुला चतुर्थी, हेरंब संकष्टी चतुर्थी
- 26 अगस्त दिन सोमवार श्रीकृष्ण जन्माष्टमी
- 29 अगस्त दिन गुरुवारअजा एकादशी
- 31 अगस्त दिन शनिवार शनि प्रदोष व्रत
- 1 सितंबर दिन रविवार मासिक शिवरात्रि
- 2 सितंबर दिन सोमवार सोमवती अमावस्या, पिठोरी अमावस्या
- 6 सितंबर दिन शुक्रवार वराह जयंती, हरतालिका तीज, गौरी हब्बा
- 7 सितंबर दिन शनिवार गणेश चतुर्थी, विनायक चतुर्थी
- 8 सितंबर दिन रविवार ऋषि पंचमी
- 10 सितंबर दिन मंगलवार ललिता सप्तमी
- 11 सितंबर दिन बुधवार राधा अष्टमी, महालक्ष्मी व्रत आरंभ, मासिक दुर्गाष्टमी
- 14 सितंबर दिन शनिवार परिवर्तिनी एकादशी
- 15 सितंबर दिन रविवार वामन जयंती, भुवनेश्वरी जयंती, ओणम, कल्कि द्वादशी, प्रदोष व्रत
- 16 सितंबर दिन सोमवार विश्वकर्मा पूजा, कन्या संक्रांति
- 17 सितंबर दिन मंगलवार गणेश विसर्जन, अनंत चतुर्दशी, पूर्णिमा श्राद्ध, भाद्रपद पूर्णिमा



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