Shardiya Navratri 2024 4th Day: मां कूष्मांडा को समर्पित है नवरात्रि का चौथा दिन, जानें पूजा विधि-मंत्र और भोग
Shardiya Navratri 2024 Day 4: नवरात्रि के चौथे दिन यानी रविवार, 06 अक्टूबर को मां कुष्मांडा की पूजा-अर्चना की जाएगी. आदिशक्ति का यह स्वरूप दिव्य और अलौकिक है.
Navratri 4th Day 2024: हिंदू धर्म में नवरात्रि के नौ दिन शक्ति की साधना के लिए बेहद शुभ माने गए हैं. ऐसी मान्यता है कि जो व्यक्ति सच्चे मन से पूजा करता है उस पर मां भगवती दुर्गा पूरे साल अपनी कृपा बरसाती हैं. पंचांग के अनुसार शारदीय नवरात्रि का पावन पर्व इस साल आश्विन मास के शुक्लपक्ष की प्रतिपदा यानि 15 अक्टूबर 2023, रविवार के दिन प्रारंभ हो गया है जो 24 अक्टूबर 2023, मंगलवार तक चलेगा. नवरात्रि के चौथे दिन मां कुष्मांडा की पूजा की जाती है. कूष्मांडा देवी को ब्रह्मांड की आदिशक्ति माना जाता है. मां दुर्गा के सभी स्वरूपों में मां कूष्मांडा का स्वरूप सबसे उग्र माना गया है.
मां कुष्मांडा (चौथा दिन)
6 अक्टूबर 2024
चतुर्थी तिथि
हिंदू पंचांग के अनुसार चतुर्थी तिथि की शुरुआत
6 अक्टूबर को 07:49 ए एम से होगी जिसका समापन 7 अक्टूबर को 09:47 ए एम पर होगा.
कैसा है मां कूष्मांडा का स्वरूप
मां कुष्मांडा की 8 भुजाएं हैं. इसलिए यह अष्टभुजा भी कहलाईं. इनके आठ हाथों में कमण्डल, धनुष, बाण, कमल-पुष्प अमृतपूर्ण कलश, चक्र, गदा और माला है. इनका वाहन सिंह है. मां कुष्मांडा का वास सूर्यमंडल के भीतर है. इनके आठवें हाथ में सभी तरह की श्रद्धियाँ सिद्धियाँ देने वाली जप की माला है.
कूष्मांडा की पूजा विधि
शारदीय नवरात्रि के चौथे दिन सुबह उठें स्नान कर साफ कपड़े पहनें और मां का ध्यान करें. मां कूष्मांडा को पीला रंग प्रिय है तो मां की पूजा करते समय पीले रंग के कपड़े पहनें. मां को पूजा के समय चंदन, कुमकुम, मौली, अक्षत चढ़ाएं. फिर पान के पत्ते पर थोड़ा सा केसर लेकर ऊँ बृं बृहस्पते नम: मंत्र का जाप करते हुए देवी को अर्पित करें. शास्त्रों में निहित है कि मां कूष्मांडा को मालपुए पसंद है. इसलिए उनको मालपुए का भोग लगाएं. पूजा के दौरान दुर्गा सप्तशती या सिद्ध कुंजिका स्तोत्र का पाठ करें.माना जाता है कि कुष्मांडा माता की पूजा करने से बुद्धि में वृद्धि होती है. पूजा के दौरान नीचे दिए गए मंत्र का जाप करें.
मां कुष्मांडा देवी का मंत्र
सुरासम्पूर्णकलशं रुधिराप्लुतमेव च।
दधाना हस्तपाद्मभ्यां कुष्मांडा शुभदास्तु मे।।
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